सत्य खबर ,गुरुग्राम ,सतीश भारद्वाज : Major scam in M3M and IREO revealed
एनसीआर क्षेत्र में कार्य कर रही रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी एम3एम एवं आर्यों में गत एक जून को सात जगहों पर हुई ताबड़तोड़ छापेमारी से बड़े बड़े खुलासे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इसमें 400 करोड के आसपास की हेराफेरी का मामला उजागर हुआ है। जिसकी जांच एसीबी कर रही है जिनके खिलाफ कई प्राथमिकता विभिन्न विभिन्न जगहों पर दर्ज है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी में ईडी ने हाई-एंड फेरारी, लेम्बोर्गिनी, लैंड रोवर, रोल्स रॉयस, बेंटले, मर्सिडीज-मेबैक वाहन, ₹5.75 करोड़ के आभूषण, ₹15 लाख नकद और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज़, डिजिटल साक्ष्य और बही खाते ईडी ने सात स्थानों पर हुई छापेमारी के दौरान जब्त किए हैं। वही आईआरईओ समूह के खिलाफ पंजीकृत कई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की गई थी। जांच में पता चला कि एम3एम समूह के माध्यम से भी बड़ी मात्रा में धन की हेराफेरी की गई, सोमवार को जारी ईडी के एक बयान से पता चला है।
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जांच से पता चला है कि एक लेनदेन में, M3M समूह को कई शेल कंपनियों के माध्यम से IREO समूह से लगभग ₹400 करोड़ प्राप्त हुए। भूमि का स्वामित्व M3M समूह के पास था और भूमि का बाजार मूल्य लगभग ₹4 करोड़ था। M3M समूह ने शुरू में ₹10 करोड़ के भुगतान के लिए उक्त भूमि के विकास अधिकारों को पाँच शेल कंपनियों को बेच दिया। यह दावा किया गया था कि पांच कंपनियां असंबद्ध थीं।
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विभाग की जांच मे पांच कंपनियां एम3एम ग्रुप द्वारा संचालित की जा रही थीं और उसी जमीन के विकास अधिकार तुरंत आईआरईओ ग्रुप को लगभग ₹400 करोड़ में बेच दिए। राशि प्राप्त करने के बाद, शेल कंपनियों ने उक्त राशि को तुरंत M3M समूह को हस्तांतरित कर दिया। जिससे IREO और M3M ने निवेशकों और ग्राहकों से संबंधित लगभग 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी में हुए अपराध की आय M3M के पास आयी।
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तलाशी के दौरान, बसंत कुमार बंसल, रूप कुमार बंसल, पंकज बंसल और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने जानबूझकर जांच से परहेज किया। वही आइआरईओ के वाइस-चेयरपर्सन ललित गोयल और रूप कुमार का नाम 17 अप्रैल को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7, 8, 11 और 13 के तहत हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में भी आया था। सीबीआई के पूर्व न्यायाधीश सुधीर परमार और उनके भतीजे अजय परमार के खिलाफ पंचकूला में भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी।
वही एसीबी की प्राथमिकी के अनुसार, हरियाणा के न्यायिक अधिकारी सुधीर परमार, जिन्हें 17 अप्रैल को बुक किए जाने के बाद 27 अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था, पर रूप बंसल और उनके भाई बसंत बंसल के साथ-साथ ललित गोयल सहित रियल एस्टेट डेवलपर्स को कथित रूप से पक्षपात करने का आरोप लगाया गया है। बंसल और गोयल को केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी द्वारा विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष लंबित मामलों में आरोपी के रूप में नामित किया गया है – एक अदालत जिसकी अध्यक्षता परमार ने की थी।
जबकि IREO कंपनी के वकील समीर चौधरी ने 11 मई को एक ईमेल में एसीबी की प्राथमिकी के संबंध में किसी भी कदाचार या गलत काम और किसी भी अपराध में शामिल होने के आरोपों से इनकार किया था। Major scam in M3M and IREO revealed