सत्य खबर । नई दिल्ली
कृषि बिलों के विरोध में आज किसानों ने भारत बंद किया है। 20 सियासी दल और 10 ट्रेड यूनियंस इसका समर्थन कर रहे हैं। किसानों की बुधवार को सरकार से छठे राउंड की मीटिंग होनी है। इससे पहले इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर जाकर मुलाकात की है। उधर, टिकरी बॉर्डर पर जुटे किसानों ने कहा है कि उन्हें कानून वापसी से कम कुछ मंजूर नहीं।
किसानों ने 11 बजे तक 3 बजे तक चक्काजाम का ऐलान किया था। ऐसे में अब दिल्ली-UP बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी सड़कों से हटने लगे हैं। सुबह जो 2 लेन बंद की गई थीं, उन्हें भी खोल दिया गया है।
किसान आंदोलन के समर्थन में आज भारत बंद है। 20 सियासी दल और 10 ट्रेड यूनियंस इसका सपोर्ट कर रहे हैं। इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में नजरबंद कर दिया है। उनके घर किसी को आने-जाने की परमिशन नहीं है। पुलिस ने इस आरोप को गलत बताया है। पुलिस ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल जहां चाहें जा सकते हैं।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि भाजपा किसानों और केजरीवाल से परेशान है। केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर गए तो भाजपा बेचैन हो गई। सिंघु बॉर्डर से लौटने के बाद से ही केजरीवाल को घर में नजरबंद कर रखा है। भाजपा को डर है कि केजरीवाल भारत बंद के समर्थन में उतर आएंगे और किसानों से बात करेंगे। भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से कुछ नहीं कहा, क्योंकि दोनों मिलकर किसानों को राष्ट्र विरोधी घोषित करना चाहते हैं।
हरियाणा और दिल्ली के बीच टिकरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच कई लेयर की बैरिकेडिंग है। पुलिस ने सड़क पर सीमेंट के भारी स्लैब डालकर रास्ता बंद किया हुआ है। किसान शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं। बॉर्डर से कई किलोमीटर पहले से ही पुलिस वाले मुस्तैद खड़े नजर आते हैं। उनके हाथों में लाठियां और आंसू गैस के गोले दागने वाली बंदूकें हैं।
टिकरी बॉर्डर पर किसानों के मंच के पास भारी भीड़ है। दिल्ली को रोहतक से जोड़ने वाले इस हाईवे पर कई किलोमीटर तक ट्रैक्टर ट्रॉलियां ही खड़े हैं। सड़क के दोनों ओर किसान अपनी यूनियन के झंडे लिए नारेबाजी करते हुए चल रहे हैं। जितने भी किसानों से हमने बात की उनका यही कहना है कि तीनों कानून रद्द करने से कम वो किसी बात पर नहीं मानेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। जो लोग दो-तीन घंटे के लिए बंद में फंस जाएंगे, हम उन्हें पानी और फल पहुंचाएंगे। उधर, गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-UP) बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार कानून बना सकती है, तो वापस भी ले सकती है। सरकार को किसान संगठनों और एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर काम करना चाहिए। हम तभी पीछा छोड़ेंगे, जब हमें अपनी मांगों पर लिखित में भरोसा मिलेगा।
किसानों के बंद के चलते मेट्रो ऑपरेशन पर असर नहीं पड़ेगा। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बॉर्डर के पास वाले मेट्रो स्टेशनों को पुलिस की एडवाइजरी पर बंद किया जा सकता है। पुलिस ने कहा है कि जबरदस्ती दुकानें बंद कराने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और स्पेशल ब्रांच के पुलिसकर्मी इस बात की पूरी निगरानी करेंगें कि कहीं पर बंद के नाम पर लोग हिंसा जैसा कदम न उठाएं। इसके साथ ही पुलिस ड्रोन के जरिए भी नजर रख रही है। फल-सब्जियों का देश का बड़ा होलसेल बाजार आजादपुर मंडी बंद है।
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