सत्य खबर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज: MCG’s removal of illegal occupation becomes a disaster
साइबर सिटी के पाश क्षेत्र डीएलएफ और पालम विहार के मध्य बसे गांव नाथूपुर और मोलाहेडा से करोड़ों की जमीन से अवैध कब्जा कर धन बटोरने वाले भूमाफियाओ से निगम अधिकारियों को अपनी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। जिसके लिए आए दिन इंफोर्समेंट विंग की टीम पुलिस फोर्स लेकर मौके पर पहुंची रही है, लेकिन ग्रामीणों के भारी विरोध के चलते बैरंग लौट रही है। हालांकि कुछ ही महीने पहले हाईकोर्ट के डंडे के डर से तो निगम अधिकारियों ने जोहड, तालाब और सरेआम रास्तों से कुछ अवैध कब्जे को तो हटाया था। मगर फिर से भूमाफियाओं ने उन पर कब्जा जमा लिया है।
सोमवार को भी नाथुपुर में अवैध कब्जों और निर्माणों की तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान बवाल हो गया था। नगर निगम की इन्फोर्समेंट टीम अवैध निर्माणों को तोड़ने हटाने के लिए पुलिस फोर्स लेकर पहुंची थी। लेकिन इसके विरोध में काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष एकत्रित हो गए और नगर निगम के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। लोग सड़क पर ही बैठ गए और इन्फोर्समेंट टीम और लोगों के बीच काफी देर तक बहस होती रही। इससे पहले रविवार को भी ग्रामीणों ने तोड़फोड़ की कार्रवाई के विरोध में पंचायत की थी।
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वही घर बचाओ, गांव बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक योगी यादव ने बताया कि निगम क्षेत्र में अवैध ठहराकर ग्रामीणों के मकान तोड़े जाने के मामले लगभग सभी निगम क्षेत्र के गांवों के सामने आ रहे हैं। उनका कहना था कि निगम अधिकारी ग्रामवासियों को नोटिस चिपका परेशान कर दबाव बना रहे हैं।
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स्थानीय नेता इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे है। जिससे मामला सुलझने की बजाय दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। बैठक में बोलते हुए भोले गुर्जर और योगी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि गुरुग्राम नगर निगम की इन्फोर्समेंट टीम निर्माण करने वाले लोगों से वसूली करती है और मांग पूरी नहीं होने पर तोड़फोड़ की कार्रवाई करती है। इन्फोर्समेंट टीम ने तानाशाही रवैया अपना रखा है। सोमवार को नगर निगम के एसडीओ हितेश दहिया और इन्फोर्समेंट टीम तोड़फोड़ करने पहुंचे थे। लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस फोर्स और इन्फोर्समेंट टीम वापस लौट गई। इसी तरह पालम विहार क्षेत्र के गांव मोलाहेडा में भी इंफोर्समेंट विंग के लापरवाह भ्रष्ट अधिकारी राजनीति दबाव के कारण जहां पर अवैध कब्जे है वहां पर कार्रवाई ना करके भोले भाले लोगों को परेशान करने पर तुले हुए हैं।
गांव मोलाहेडा में तो पूर्व पार्षद के चहेतों ने ग्राम मे ही भ्रष्टाचार मचाया हुआ है। जो ग्रामीण निर्माण कर रहे हैं अगर रिश्वत दे देता है, उनको कुछ नहीं कहते और जो रिश्वत नहीं देता उनके मकान तुड़वा दिए जा रहे हैं। ऐसे कई मामले निगम की फाइलों में दबे पड़े हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यहां चलता है सीएम ओएसडी के चहेते दबंगों का राज। जिनके आगे स्थानीय पुलिस भी नतमस्तक है। MCG’s removal of illegal occupation becomes a disaster