सत्य खबर,चंडीगढ़। New order for officers in Haryana
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूबे की ब्यूरोक्रेसी को बड़ा झटका दिया है। सरकार ने अधिकारियों के सरकारी वाहन के निजी उपयोग किए जाने को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। नए निर्देशों के तहत कोई अधिकारी सरकारी गाड़ी का निजी इस्तेमाल करता है तो भुगतान अपनी जेब से करना होगा। साथ ही सरकारी वाहन से घर से ऑफिस जाने के लिए एक हजार किलोमीटर तक की छूट मिलेगी, लेकिन इसके लिए भी अधिकारियों को अपने वेतन से हर महीने हजार रुपए देने होंगे।
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अगर निजी कार्य के लिए गाड़ी एक हजार किलोमीटर से ज्यादा चली तो प्रति किलोमीटर 6 रुपए वसूले जाएंगे। साथ ही लॉगबुक में भी दर्ज कर सरकारी वाहन का इस्तेमाल की जानकारी देनी होगी। इस संबंध में सरकार की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडलायुक्त, उपायुक्त और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को निर्देश जारी कर दिया है।
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हरियाणा सरकार ने तत्काल प्रभाव से नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है। यात्रा खर्च की वसूली में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव से लेकर प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव, उप प्रधान सचिव और ओएसडी तक को कोई रियायत नहीं मिलेगी। हालांकि, जो अधिकारी लिखित में सरकार को जानकारी देंगे कि वह निजी दौरों में सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो उन्हें पूरा वेतन दिया जाएगा। हैरानी की बात यह है कि सरकार में पहले से ही सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल को लेकर नियम बने हुए हैं, लेकिन इनका पालन ब्यूरोक्रेसी नहीं कर रही थी। साथ ही सरकार के पास सरकारी गाड़ियों के निजी कार्यक्रमों में इस्तेमाल किए जाने की काफी शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद सूबा सरकार ने यह फैसला किया है। New order for officers in Haryana
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