अब जनता तय करे-10 साल वाले जुमलेबाजों की गारंटी चाहिए या कांग्रेस की, 30 लाख नौकरियां : पंकज डावर
सत्य ख़बर,गुरुग्राम:
सतीश भारद्वाज : कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पंकज डावर ने कहा कि अब जनता को तय करना है कि 10 सालों से देश की जनता के साथ जो सिर्फ जुमलेबाजी कर रहे हैं, उनका चुनाव करना है या फिर जो पार्टी 70 सालों से जनता की सभी गारंटियां को पूरा कर रही है, उसका चुनाव करना है। पंकज डावर ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में युवाओं के मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। डावर ने कहा कि देश में रोजगारी पर लगाम लगाने और युवाओं को न्याय दिलाने के लिए पार्टी ने 30 लाख पक्की भर्तियां करने का ऐलान किया है। इसी दिशा में हरियाणा कांग्रेस ने भी 2 लाख से ज्यादा पदों पर पक्की भर्ती करने का वादा किया है।
पंकज डावर ने कहा कि हरियाणा में कौशल निगम, केंद्र में अग्निवीर जैसी योजनाओं के जरिए बीजेपी पक्की नौकरियों को खत्म कर रही है। इसके चलते युवाओं में व्यापक हताशा देखने को मिल रही है। कांग्रेस के घोषणापत्र से युवाओं में एक नई उम्मीद का संचार होगा। नौकरियों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण आधी आबादी की आधी भागीदारी सुनिश्चित करने में यह कदम बेहद कारगर साबित होगा। साथ ही हर ग्रेजुएट और डिप्लोमाधारी को एक लाख रूपये सालाना स्टाइपेंड की अप्रेंटिसशिप की गारंटी भी युवाओं के लिए क्रांतिकारी कदम है। भर्ती घोटालों से त्रस्त युवाओं को न्याय दिलाने के लिए पेपर लीक के खिलाफ नया कानून बनाकर भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता फिर से स्थापित की जाएगी। इतना ही नहीं 5000 करोड़ के राष्ट्रीय कोष से ज़िला स्तर पर युवाओं को स्टार्ट-अप फंड देकर उन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहन राशि मुहैया करवाई जाएगी। कांग्रेस द्वारा हरेक गरीब परिवार की महिला को सालाना 1 लाख की मदद, आशा, मिड डे मील और आंगनवाड़ी वर्कर्स को ज़्यादा सैलरी, दोगुने सरकारी योगदान, मनरेगा मजूदरों को 400 रुपए रोज दिहाड़ी देने जैसे क्रांतिकारी वादे भी न्यायपत्र में किए हैं। कांग्रेस द्वारा किए गए ऐलान से स्पष्ट है कि पार्टी के पास भविष्य का रोडमैप है, जो हर वर्ग को न्याय व भागीदारी देने में सक्षम है। सामाजिक-आर्थिक समानता के लिए पार्टी ने हर व्यक्ति और हर वर्ग की गिनती या जातीय जनगणना का ऐलान किया है। न्यायपत्र में संवैधानिक न्याय खंड में लोकतंत्र बचाओ, भय से मुक्ति से लेकर मीडिया, न्यायपालिका की आजादी, भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम जैसे मुद्दे हैं। न्यायपत्र के आर्थिक न्याय के खंड में आर्थिक नीतियों में बदलाव, बेरोजगारी पर नकेल कसने व टैक्स सुधारों के प्रावधानों का जिक्र किया गया है। इसमें कारोबारी वर्ग को पेश आ रही समस्याओं का समाधान है।