सत्य खबर, चंडीगढ़ ।Nuh violence: ‘Gunshots, weapons in the hands of miscreants’, what did eyewitnesses of Nuh violence say?
हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा को लेकर सरकार और पुलिस प्रसाशन पर काफी सवाल खड़े हो रहे हैं। लेकिन इसी बीच हरियाणा पुलिस एडीजीपी ममता सिंह की हिम्मत को लेकर खूब तारीफ की जा रही है। इसके पीछे की वजह यह है कि इन्होने नलहड़ के शिव मंदिर में फंसे 2500 से अधिक लोगों की जान बचाई। मिली जानकारी के मुताबिक भड़की हिंसा के दौरान नलहड़ के शिव मंदिर में सोमवार दोपहर करीब एक बजे ढाई हजार श्रद्धालु फंसे हुए थे। इस दौरान मंदिर के चारों तरफ से गोलियां चल रही थीं। जिस वजह अंदर फंसे लोगों का बाहर निकलना काफी मुश्किल था।
इसी बीच जब शाम करीब चार बजे एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) ममता सिंह जब मंदिर पहुंचीं तो लोगों के जान में जान आई। गृह मंत्री अनिल विज ने भी प्रशंसा की है।
ममता सिंह ने बताया कि हिंसा के दौरान एक मंदिर में लोगों को बंधक बनाए जाने की सूचना मिली थी। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ममता सिंह व अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। आईपीएस ममता सिंह दिलेरी के साथ डटी रहीं और लोगों को वहां से मुक्त कराया।
पुलिस की एक टीम ने कवर फायरिंग की और दूसरी टीम ने लोगों को मंदिर से सुरक्षित निकालकर गाड़ी में बैठाया। जब लोगों को पुलिस की गाड़ियों में ले जाया जा रहा था तो पुलिस की एक टीम भी साथ चल रही थी। ममता सिंह ने बताया कि ढाई हजार लोगों को निकालने में करीब दो घंटे लगे। हरियाणा पुलिस की एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) ममता सिंह 1996 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। ममता ने पुलिस सेवा एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर ज्वाइन की थी। ये अपने सख्त तेवर के लिए जानी जाती है। वह बाबा राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत से निपटने को लेकर भी सुर्खियों में रह चुकी हैं।