सत्यखबर, चंडीगढ़
हरियाणा सरकार ने राज्य में कोरोना के बढ़ते असर को देखते हुए विद्यार्थियों के हित में कई अहम फैसले लिए हैं। इसके तहत पहली से दूसरी क्लास के बच्चों के एग्जाम मौखिक तौर पर होंगे, जो संबंधित स्कूलों में शिक्षक लेंगे। तीसरी से आठवीं क्लास तक की कक्षाओं की परीक्षाएं आनलाइन कराने का फैसला लिया गया है। बड़ी कक्षाओं की परीक्षाएं आफलाइन या आनलाइन कराने का फैसला विश्वविद्यालयों के उप कुलपतियों पर छो़ड़ दिया गया है।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीसरी से आठवीं क्लास तक के बच्चों की परीक्षाएं ऐप के जरिये होंगी। एक मोबाइल पर पांच बच्चे पेपर दे सकेंगे। नौवीं से ग्यारहवीं क्लास की परीक्षाएं आफलाइन होंगी। अगर भविष्य में कोरोना के केस बढ़ते हैं तो सरकार इस परीक्षा शेड्यूल में भी बदलाव पर कोई विचार कर सकती है।
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शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि राज्य में अभी ऐसी भयावह स्थिति नहीं है। लिहाजा हाल-फिलहाल सरकार का स्कूल या कालेज बंद करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सब कुछ ठीक चल रहा है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अप्रैल के आखिर में या मई के शुरू में नई कक्षाओं में दाखिले आरंभ करने की योजना है। इसके बावजूद तब की परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लिया जाएगा, लेकिन जिस तरह के हालात नजर आ रहे हैं, उसके मद्देनजर नया शिक्षा सत्र एक जून से ही आरंभ होने के आसार हैं।
कंवरपाल गुर्जर के अनुसार विश्वविद्यालयों को एग्जाम कराने की छूट दे रखी है। यूनिवर्सिटी अपनी सुविधा के अनुसार आनलाइन या आफलाइन एग्जाम करवा सकती है। बता दें कि इनसो और एबीवीपी विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं आनलाइन कराने की मांग कर रहे हैं।
कोरोना के लक्षण वाले बच्चों के लिए बनेगा अलग परीक्षा केंद्र
हरियाणा में 26 मार्च से शुरू होने जा रही नौवीं तथा ग्यारहवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं को लेकर शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों तथा संबंधित अधिकारियों को गाइडलाइन जारी कर दी है। इस गाइडलाइन को लेकर अध्यापक संगठन हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने आपत्ति जताई है। जिन बच्चों में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं, उनके लिए अलग परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।
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हरियाणा शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में 26 मार्च से पहली से आठवीं तथा नौवीं व ग्यारहवीं कक्षा की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। इसके लिए विद्यालयों का समय सुबह 9.30 से दोपहर एक बजे तक रखा गया है। विद्यालय में केवल उन्हीं विद्यार्थियों को एंट्री दी जाएगी जिनकी परीक्षा होगी। शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि यदि कोई नौवीं तथा ग्यारहवीं कक्षा का विद्यार्थी कोरोना पाजिटिव आता है तो उसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद विद्यालय प्रबंधन द्वारा अपने स्तर पर परीक्षा ली जाएगी। अगर पहली तथा दूसरी कक्षा का कोई विद्यार्थी कोरोना पाजिटिव आता है तो संबंधित अध्यापक ऐसे बच्चे को स्कूल न बुलाकर आनलाइन या फोन के माध्यम से घर बैठे ही परीक्षा लेंगे।
शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी पत्र के अनुसार नौवीं तथा ग्यारहवीं कक्षा के जिन विद्यार्थियों में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उनके लिए अलग से कमरे की व्यवस्था कर अलग परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। सरकार के इसी निर्देश पर हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने आपत्ति जताई है। हसला के प्रेस सचिव अजीत चंदेलिया के अनुसार जिन बच्चों में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं उनकी परीक्षा को लेकर भी वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। ऐसे बच्चों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन अध्यापकों द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा कई अध्यापक उत्तर पुरस्तिका व प्रश्न पत्र के माध्यम से भी ऐसे बच्चों के संपर्क में आएंगे, जिससे उनमें भी कोरोना संक्रमण का खतरा बन सकता है
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