सत्य खबर, दिल्ली
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष (Russia Ukrain Crisis) में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए भारत से छ विमान रवाना हो चुके हैं. उधर, पोलैंड (Poland) ने संघर्षक्षेत्र में फंसे भारतीयों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द पौलैंड की सीमा में दाखिल होने के लिए बुडोमिर्ज सीमा चौकी पर पहुंच जाएं ताकि सुरक्षित घर वापसी हो सके. बता दें कि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन-रूस संघर्ष के बीच सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) शुरू किया है. इसके तहत अब तक करीब एक हजार भारतीयों की सुरक्षित घरवापसी हो चुकी है.
आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोनभद्र में हुई चुनावी रैली में भी भारतीयों को वापस लाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार हरेक नागरिक को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए जी जान से जुटी है. इसके लिए चार मंत्रियों को भी वहां भेजा गया है. जल्द ही सब लोगों की सुरक्षित घरवापसी होगी. गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में ऑपरेशन गंगा के तहत 6 उड़ानें रवाना हुई हैं.
ऐसे भारत वापस लाए जा रहे हैं नागरिक
ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को जमीनी सीमा चौकियों के जरिए यूक्रेन से निकलने के बाद हंगरी (Hungry), रोमानिया (Romania), पोलैंड (Poland) और स्लोवाकिया (Slovakia) से हवाई मार्ग से स्वदेश लाया जा रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बताया कि भारत के अभियान ऑपरेशन गंगा के तहत पिछले 24 घंटों में भारत के लिए छह उड़ानें रवाना हुई हैं. जयशंकर ने बुधवार को सुबह ट्वीट किया, ”ऑपरेशन गंगा संबंधी जानकारी. पिछले 24 घंटों में छह उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं. इनमें पोलैंड से पहली उड़ान भी शामिल है. यूक्रेन से 1,377 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है.” वहीं , वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल संदीप सिंह ने बताया कि यूक्रेन में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए तीन विमान रवाना हो गए हैं.
यूक्रेन के लिए रवाना हुआ वायुसेना का सी-17
भारतीय वायुसेना का एक सी -17 ग्लोबमास्टर (C-17 Globemaster) विमान यूक्रेन के वास्ते राहत सामग्री लेकर बुधवार को सुबह रोमानिया के लिए रवाना हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इससे पहले , पोलैंड स्थित भारतीय दूतावास (Indian Embassy) द्वारा जारी परामर्श में भारतीयों को शेहयानी – मेड्यका सीमा से बचने की सलाह दी गई है, जहां पर भारी भीड़ है और लोगों को सीमा पार करने के लिए लंबी कतार में खड़ा होना पड़ रहा है.
दूतावास ने कहा, ‘लवीव और तर्नोपिल एवं पश्चिम यूक्रेन के अन्य हिस्सों में मौजूद भारतीय यथाशीघ्र बुडोमिर्ज सीमा चौकी जा सकते हैं जहां से वे अपेक्षाकृत शीघ्र पोलैंड में दाखिल हो सकते हैं.” परामर्श में कहा, ”वैकल्पिक तौर पर उन्हें दक्षिण में हंगरी या रोमानिया के रास्ते निकासी की सलाह दी जाती है. उन्हें शेहनी मेड्यका सीमा चौकी जाने से बचना चाहिए जहां भारी भीड़ है.” दूतावास ने कहा कि उसने मेड्यका और बुडोमिर्ज सीमा चौकी पर अपने अधिकारियों को भी तैनात किया है जो वहां पहुंचने वाले भारतीयों की अगवानी करेंगे और उनकी भारत वापसी को सुगम बनाएंगे.
एंबेसी चुकाएगी छात्रों का बिल
परामर्श में कहा गया है, ”जो लोग, पोलैंड में किसी अन्य सीमा से दाखिल हो रहे हैं और जहां पर भारतीय अधिकारियों की तैनाती नहीं की गई है वे जेजो शहर स्थित प्रेजीडेंकी, उन पोडविस्लोक्जे 48 होटल जा सकते हैं, जहां पर उनके रहने की व्यवस्था की गई है. वहां से ऑपरेशन गंगा के तहत संचालित हो रही उड़ानों से उन्हें भारत भेजा जाएगा.” दूतावास की ओर से कहा गया कि विद्यार्थी के पास रुपये नहीं होने की स्थिति में वह (दूतावास) होटल के बिल का भुगतान करेगा.
अगले तीन दिन में 26 उड़ानें जाएंगी
वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने मंगलवार की रात को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि आगामी तीन दिन में भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए 26 उड़ानें निर्धारित की गई हैं. उन्होंने कहा था कि बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा, पोलैंड और स्लोवाक गणराज्य के हवाई अड्डों का भी उपयोग निकासी उड़ानों के संचालन के लिए किया जाएगा. श्रृंगला ने कहा कि पहला परामर्श जारी किए जाने पर यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय छात्र थे और तब से यूक्रेन से करीब 12,000 लोग निकाले जा चुके हैं, जो यूक्रेन में भारतीयों की कुल संख्या का करीब 60 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा, ”शेष 40 प्रतिशत में से करीब आधे लोग खारकीव – सुमी में संघर्ष वाले क्षेत्र में हैं और शेष आधे लोग या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर पहुंच गए हैं या पहुंच रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें, तो वे संघर्ष क्षेत्र से मुख्य रूप से बाहर हैं यानी खतरे से बाहर हैं.”
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