सत्य खबर, गुडगाँव।Palwal jawan martyred in Leh-Ladakh accident, the only son of the family, had joined the Army in 2016.
शनिवार को लद्दाख में एक हादसे में सेना के नौ जवान शहीद हो गए. सेना के जवानों का काफिला लेह से न्योमा की ओर जा रहा था. इस काफिले में पांच गाड़ियां थीं. जिसमें से एक गाड़ी नीचे गिर गई. इस गाड़ी में 10 जवान सवार थे, जिनमें से 9 की मौत हो गई है जबकि एक अन्य जवान घायल है. इसमें पलवल का युवक मनमोहन भी शामिल था। मनमोहन पलवल के गांव बहीन का रहने वाला था और 2016 में सेना में भर्ती हुआ था।
सेना में सिपाही के पद पर तैनात मनमोहन अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए 2016 में सेना में शामिल हुए। मनमोहन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही की और यहीं सेना की तैयारी की। 12वीं के बाद ही सेना में शामिल हो गए। शहीद मनमोहन के परिवार में तीन बड़ी बहनें हैं। जिनकी शादी हो चुकी है. वहीं वह अपने पीछे अपने माता-पिता, पत्नी और एक साल का बेटा छोड़ गए हैं.
जैसे ही परिवार वालों को मनमोहन के शहीद होने की खबर मिली, तब से परिवार और पूरे इलाके में शोक का माहौल है. बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह तक मनमोहन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचेगा जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद के चाचा व अन्य लोगों ने बताया कि उन्हें मनमोहन की शहादत पर गर्व है. इसके साथ ही गांव के लोगों ने उनकी पत्नी के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है ताकि परिवार का पालन-पोषण अच्छे से हो सके और बूढ़े माता-पिता को सहारा मिल सके.
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