सत्य खबर । इंडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा की, जहां हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हिस्सा लिया।
इस बैठक में अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों को तीन प्वाइंट में बताया कि कैसे कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों संग बैठक में शामिल हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोरोना वायरस बीमारी के कारण मृत्यु दर 1 फीसदी से कम हो और मामले वृद्धि की दर 5% से कम हो।
अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों को जो सबसे महत्वपूर्ण उपाय बताया वह था कि कंटेनमेंट जोन की रणनीति को नया रूप देना। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हर हफ्ते रेड जोन का दौरा करना चाहिए और एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर किसी विशेष क्षेत्र की स्थिति को बदलना चाहिए।
कोरोना में कलाकारों की बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए केजरीवाल सरकार पर बरसीं सपना चौधरी, कही ये बात
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी को सूचित किया कि वह सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला के साथ लगातार संपर्क में हैं और राज्य ने वैक्सीन का समय पर वितरण सुनिश्चित करने और टीकाकरण कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए अब तक कई बार राज्यों के साथ बैठकें कर चुके हैं। इधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की तीसरी लहर की अधिक गंभीरता के कई कारण है तथा इनमें से एक महत्वपूर्ण कारण प्रदूषण है।
सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि तीसरी लहर में 10 नवंबर को दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 8,600 नए मामले सामने आए थे और उसके बाद से संक्रमण के मामलों की संख्या तथा संक्रमण की दर दोनों में तेजी से कमी आ रही है।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय राजधानी में यह रूझान जारी रहेगा। सूत्र ने बताया, ‘मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के अधिक गंभीर होने के अनेक कारण हैं। इनमें एक महत्वपूर्ण कारण प्रदूषण है। इसके साथ उन्होंने हाल ही में आई बायो-डिकम्पोजर तकनीक का उल्लेख करते हुए पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।’
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक में केजरीवाल ने अनुरोध किया कि जब तक शहर में संक्रमण की तीसरी लहर का कहर जारी है तब तक दिल्ली स्थित केंद्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए अतिरिक्त एक हजार आईसीयू बिस्तर आरक्षित किए जाएं।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा की जहां हाल के दिनों में संक्रमण के मामलों में तेजी आई है।
Scrap aluminium ethical sourcing Aluminium scrap value maximization Metal scrap recycling solutions