सत्य खबर, नई दिल्ली । PM-KUSUM Scheme
अगर आप सरकार की पीएम कुसुम योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो 31 मार्च 2026 तक इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.भारत सरकार ने पीएम-कुसुम योजना को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है. क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण इसका कार्यान्वयन बहुत प्रभावित हुआ था. प्रधानमंत्री किसान उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना 2019 में शुरू की गई थी. नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने किसानों के लिए सौर पंप और ग्रिड से जुड़े सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए पीएम कुसुम योजना शुरू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2022 तक सौर क्षमता को 30,800 मेगावाट तक बढ़ाना था. इसे कार्यान्वयन एजेंटों को सेवा शुल्क सहित कुल 34,422 करोड़ रुपए की केंद्रीय वित्तीय सहायता प्राप्त हुई.
3 कंपोनेंट में शामिल है ये योजना
Component A में 2 मेगावाट तक की क्षमता का एक छोटा बिजली यंत्र स्थापित करके 10,000 मेगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करना है.
Component B 20 लाख स्टैंडअलोन सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों के लिए है
Component C 15 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सोलराइजेशन के लिए है.
पीएम कुसुम योजना के लाभ
पीएम कुसुम योजना के जरिए सोलर पंप सिस्टम से बिजली का उत्पादन कर सकते हैं. अगर आप अपने उपयोग के अतिरिक्त बिजली का उत्पादन करते हैं, तो इससे बिजली वितरण निगम को बेचकर कमाई कर सकते हैं.
अगर आपके पास बेकार खाली जमीन है, तो आप इसे सरकार को लीज पर देकर कमाई कर सकते हैं. आपके जमीन पर सोलर सिस्टम लगाने पर सरकार किराया देगी.
पीएम कुसुम योजना में किसानों को खेत में सोलर पंप लगाने के लिए 60% तक सब्सिडी दी जाती है. इसमें 30% केंद्र और 30% राज्य सरकार देती है. वहीं 30 प्रतिशत बैंक द्वारा लोन लिया जा सकता है, बाकि बचा 10 प्रतिशत पैसा किसानों को देना होता है.
कोरोना से प्रभावित हुई थी यह योजना
कोविड-19 महामारी ने पीएम-कुसुम योजना को लागू करने में गंभीर हस्तक्षेप किया. इसलिए, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में कहा कि पीएम-कुसुम के कार्य की गति कोविड-19 महामारी के कारण काफी प्रभावित हुई थी. नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने योजना का एक तृतीय पक्ष मूल्यांकन भी किया है और सिफारिशों के आधार पर, योजना को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है.
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एमएनआरई करती है इस योजना की निगरानी
राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों ने योजना के तहत परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए समय बढ़ा दिया है. हर दूसरे सप्ताह/पाक्षिक आधार पर राज्यों के साथ नियमित बैठकें करके एमएनआरई द्वारा पीएम-कुसुम योजना की निगरानी की जाती है. नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंग ने भी कहा कि राज्य कार्यान्वयन एजेंसियां मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं. PM-KUSUM Scheme
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