PM Modi ने पंडित नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की, X पर किया यह पोस्ट
PM Modi: आज 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती मनाई जा रही है। पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति विशेष स्नेह था, और इसी कारण 14 नवंबर को हर साल बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित की और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से उन्हें नमन किया।
पंडित नेहरू का बच्चों के प्रति विशेष स्नेह
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज), उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्हें बच्चों से विशेष लगाव था और बच्चों के प्रति उनकी यह ममता और स्नेह उन्हें ‘चाचा नेहरू’ के नाम से लोकप्रिय बनाता है। उनकी यह छवि बच्चों के लिए एक आदर्श बन गई थी, और इस कारण 14 नवंबर को उनकी जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की गई।
पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं और उन्हें अच्छे तरीके से पोषित और शिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे राष्ट्र निर्माण में योगदान कर सकें। उनके इस दृष्टिकोण को देखते हुए, उनके योगदान को याद करने के लिए हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी का श्रद्धांजलि पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित नेहरू की जयंती के अवसर पर X पर एक भावुक पोस्ट किया। उन्होंने पंडित नेहरू की महानता को याद करते हुए लिखा, “आज हम भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनका जीवन और कार्य हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा, विशेष रूप से उनके द्वारा बच्चों के लिए किए गए कार्यों के कारण। हम उनके दृष्टिकोण को अपनाते हुए बच्चों के भविष्य को और बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे।”
इस पोस्ट के माध्यम से पीएम मोदी ने पंडित नेहरू के योगदान को सम्मानित किया और उनके बच्चों के प्रति समर्पण को रेखांकित किया। उन्होंने नेहरू जी के दृष्टिकोण का पालन करने का संकल्प लिया, जो हमेशा देश के बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा और विकास देने की बात करते थे।
बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश
बाल दिवस के रूप में 14 नवंबर का महत्व आज भी भारतीय समाज में महत्वपूर्ण बना हुआ है। पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चों का सही मार्गदर्शन और शिक्षा उनके जीवन को संवारेगी, और यही उनके व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक होगा। बालकों के लिए उन्होंने कई योजनाएं बनाई और उनकी भलाई के लिए कई कदम उठाए।
बालकों के लिए उनके योगदान के कारण ही 1964 में, पंडित नेहरू के निधन के बाद, 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया। इससे पहले, भारत में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, जो अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस था। लेकिन पंडित नेहरू के योगदान को सम्मानित करने के लिए 14 नवंबर को इस दिन के रूप में चुना गया।
पंडित नेहरू का योगदान
पंडित नेहरू का जीवन केवल बच्चों के प्रति उनकी ममता और स्नेह से नहीं, बल्कि उनके द्वारा देश की आज़ादी के बाद किए गए विकास कार्यों से भी प्रेरित था। उन्होंने बच्चों को अच्छे स्कूलों, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर भविष्य के लिए हर संभव सुविधा देने का प्रयास किया। इसके अलावा, उनका योगदान विज्ञान, तकनीकी, और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी था, जिसके कारण भारतीय समाज में कई सुधार आए।
उनके नेतृत्व में, भारत में औद्योगिकीकरण और विज्ञान के क्षेत्र में काफी विकास हुआ। उनके दृष्टिकोण ने न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम को आकार दिया, बल्कि भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद की।
बालकों के अधिकार और शिक्षा पर बल
पंडित नेहरू का मानना था कि बच्चों को अपने अधिकारों का पूरा लाभ मिलना चाहिए और उन्हें जीवन में अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि बच्चों को शिक्षा प्राप्त हो और वे समाज में अपनी भूमिका समझ सकें। उनकी नीति के अनुसार, बच्चों को केवल शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी स्वस्थ रहना चाहिए, ताकि वे एक सक्षम और समृद्ध नागरिक बन सकें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश
इस दिन के अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी बच्चों के लिए अपने संदेश में कहा कि, “हमारे समाज और राष्ट्र के समग्र विकास के लिए बच्चों का समग्र कल्याण अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चे को स्वस्थ, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। केवल तभी हम अपने राष्ट्र को एक समृद्ध और प्रगति की ओर अग्रसर कर सकते हैं।”
बालकों के लिए सरकारी योजनाएं
पंडित नेहरू के विचारों को ध्यान में रखते हुए, सरकार समय-समय पर बच्चों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं लाती रही है। जैसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बाल शिक्षा योजना, और आंगनवाड़ी योजनाएं, जिनका उद्देश्य बच्चों की भलाई और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करना है। सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है ताकि वे स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।
समाप्ति में
पंडित नेहरू का जीवन हमें यह सिखाता है कि बच्चों का विकास और उनकी भलाई में ही राष्ट्र की प्रगति निहित है। उन्होंने हमेशा समाज में समानता और न्याय की बात की और बच्चों के लिए एक ऐसा समाज बनाने का सपना देखा, जहां हर बच्चा अपने सपनों को पूरा कर सके। उनकी जयंती पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम बच्चों के लिए उनके सपनों को साकार करेंगे और उन्हें एक बेहतर भविष्य प्रदान करेंगे।
आज बाल दिवस के इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करना, उनके विचारों को फिर से जीवित करना और बच्चों के विकास के लिए समर्पित रहना एक सशक्त संदेश है।