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सदन में बोले पीएम मोदी, आरक्षण पर क्या थे नेहरू के विचार ?

सत्य खबर/नई दिल्ली:

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने नौकरियों से लेकर हर तरह के आरक्षण को लेकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की आलोचना की. उन्होंने कहा कि आज की कांग्रेस ही नहीं बल्कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी आरक्षण के खिलाफ थे. अगर बाबा साहेब अंबेडकर न होते तो ये कांग्रेस देश के वंचित वर्ग को कभी आरक्षण नहीं देती.

पीएम मोदी ने सबसे पहले ये बात प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के एक आधिकारिक पत्र का हवाला देते हुए कही. उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने उस समय देशभर के मुख्यमंत्रियों को एक आधिकारिक पत्र लिखा था. उस पत्र में नेहरू ने लिखा था कि वह निजी तौर पर नौकरियों में किसी भी तरह के आरक्षण के ख़िलाफ़ हैं.

कांग्रेस ने लोगों को आरक्षण से वंचित रखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे जम्मू-कश्मीर का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले सात दशकों तक जम्मू-कश्मीर के लोगों को ओबीसी, एसटी और एससी आरक्षण से वंचित रखा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की हालत ऐसी कर दी है कि कई लोग सात दशकों से वहां रह रहे हैं लेकिन उन्हें डोमिसाइल का अधिकार नहीं दिया गया है.

वे बाबा साहेब को भारत रत्न नहीं देना चाहते थे.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में ओबीसी आरक्षण कल ही सदन में पारित हुआ है. कांग्रेस पार्टी ने कभी भी ओबीसी का समर्थन नहीं किया. बाबा साहब न होते तो कांग्रेस आरक्षण न देती। वे बाबा साहेब को भारत रत्न देने को तैयार नहीं थे. जब भाजपा के समर्थन से सरकार बनी तो बाबा साहब को भारत रत्न दिया गया। इतना ही नहीं अति पिछड़ी जाति से आने वाले सीताराम केसरी को सड़क पर फेंक दिया गया.

आरक्षण पर क्या है राहुल का रुख?
हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा हटाने के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि यह कृत्रिम और अनुचित सीमा है. उन्होंने कहा कि दलितों और आदिवासियों के आरक्षण अधिकार की रक्षा करते हुए 50 प्रतिशत की सीमा हटा दी जाएगी. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि विभिन्न जातियों की सही स्थिति का पता लगाने के लिए देश में जाति जनगणना कराई जाएगी.

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