Ram Chander Jangra: राजनीति गरमाई! पहलगाम हमले पर बयान को लेकर घिरे BJP सांसद जांगड़ा

Ram Chander Jangra: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों पर दिए गए अपने बयान को लेकर सफाई दी है। रविवार 25 मई को उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनके बयान को राजनीतिक फायदे के लिए तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका किसी का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। जांगड़ा ने कहा कि वह अपने देश की महिलाओं को किसी भी रूप में कमजोर नहीं मानते और पहलगाम हमले में जिन महिलाओं ने अपने पति खोए हैं, उनके साथ पूरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह बिना झिझक माफी मांगने को तैयार हैं।
पहलगाम हमले पर क्या बोले थे रामचंद्र जांगड़ा
दरअसल रामचंद्र जांगड़ा ने शनिवार को एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को आतंकियों का सामना करना चाहिए था और जिन महिलाओं ने अपने पति खोए हैं उन्हें ‘वीरांगना’ की तरह सम्मानित किया जाना चाहिए। इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर महिला विरोधी और असंवेदनशील होने का आरोप लगाया। यह हमला 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुआ था जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
सत्ता पक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रिया
जांगड़ा के बयान पर विपक्षी पार्टियां जैसे तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि भाजपा नेताओं के ऐसे बयान महिलाओं का अपमान हैं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जांगड़ा के बयान को गलत बताया और कहा कि चूंकि उन्होंने माफी मांग ली है इसलिए अब इस मुद्दे को बंद कर देना चाहिए। खट्टर ने स्पष्ट किया कि यह टिप्पणी पार्टी की विचारधारा को नहीं दर्शाती और ऐसी बातें कहना गलत और अनुचित है।
कांग्रेस ने PM मोदी से मांगी माफी
कांग्रेस ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के विवादास्पद बयान लगातार सामने आ रहे हैं। पार्टी ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के हालिया बयानों का भी हवाला दिया। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी जांगड़ा के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान उन महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं जिनके पति आतंकियों के हाथों मारे गए। हुड्डा ने सवाल उठाया कि राज्य महिला आयोग ने अभी तक इस मामले पर कोई संज्ञान क्यों नहीं लिया है। जांगड़ा ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने सिर्फ यह संदेश देना चाहा था कि देश की महिलाएं कमजोर नहीं हैं और उनमें रानी लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई की तरह साहस जगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है और यह देश और समाज के लिए नुकसानदायक है।