Rupee is going to become international currency
सत्यखबर, ब्यूरो रिपोर्ट। दुनियाभर में जितना ट्रेड को लेकर एक्सचेंज होता है वो होता है डॉलर में लेकिन देखा जाये तो पिछले कुछ वर्षों में जो डॉलर है वो काफी ज्यादा मजबूत हुआ है…जिसकी वजह बहुत से कंटरीज को भारी नुकसान देखना पड़ा है…लेकिन अब लेटेस्ट और महत्वपूर्ण खबर ये है की करीब 35 कंटरीज से इंट्रेस्ट शो किया है की वो भारत के साथ रूपी में ट्रेड करना चाहते हैं…जानकारी ये भी मिल रही है की ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्ज़मबर्ग और सूडान (Tajikistan, Cuba, Luxembourg and Sudan) सहित अन्य औऱ कई देशों को भी भारत के रुपी ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म में इंट्रेस्ट है। Rupee is going to become international currency
वहीं, डॉलर की तंगी वाले श्रीलंका और प्रतिबंधों से प्रभावित रूस, इंडियन रुपी ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म का इस्तेमाल करना चाहते हैं…. यह बात खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट में कही गई है…. अगर ऐसा हुआ तो ये दोनों ऐसा करने वाले पहले देश होंगे… यह एक गेम-चेंजिंग पहल होगी, जो अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए डॉलर और अन्य प्रमुख मुद्राओं के बजाय भारतीय रुपये का उपयोग करने की अनुमति देती है… जुलाई 2022 से भारत सरकार डॉलर की कमी वाले देशों को अपने रुपये सेटलमेंट मैकेनिज्म में लाने की कोशिश कर रही है…. भारत के केंद्रीय बैंक RBI ने इंडियन रुपी ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म के माध्यम से श्रीलंका के साथ व्यापार के लिए बैंकों को 05 विशेष रुपया व्यापार खाते खोलने की मंजूरी दी है, जिन्हें वोस्त्रो खाते Vostro कहा जाता है… इसी तरह, आरबीआई ने बैंकों को रूस के साथ रुपये में व्यापार के लिए 12 Vostro खाते खोलने की मंजूरी दी है… मॉरीशस के साथ व्यापार के लिए एक और खाता भी आरबीआई द्वारा अधिकृत किया गया है…
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रिपोर्ट में भारत सरकार के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि भारत सरकार ऐसे और देशों को इस मैकेनिज्म में लाना चाहती है, जिनके पास डॉलर की कमी है…. अब तक 5 से 6 बैंकों को रुपये में इंटरनेशनल ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा के लिए Vostro खाते खोलने की अनुमति दी गई है… फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय का कहना है कि कई मुद्दों को सुलझा लिया गया है…. निर्यातकों और आयातकों ने खातों को खोलने के लिए बैंकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है…. इसलिए, नई भुगतान प्रणाली के तहत रूस के साथ व्यापार समझौता कुछ शिपमेंट के लिए जल्द शुरू होने की उम्मीद है… यह कदम रूस और भारत के बीच बढ़ते व्यापार अंतर के बीच महत्वपूर्ण है… वैसे तो रूस तेजी से भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है, लेकिन रूस को भारतीय निर्यात घट रहा है क्योंकि निर्यातक पश्चिमी प्रतिबंधों और एक सुचारू भुगतान तंत्र की कमी से सावधान हैं. ताजिकिस्तान, क्यूबा, लक्ज़मबर्ग और सूडान सहित अन्य देशों से भी भारत के रुपी ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म में इंट्रेस्ट सामने आ रहा है….
और चलिए अब आपको बताते हैं की इससे भारत को क्या फायदा होगा….दरअसल, कहा जा रहा है कि रुपये के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनने से भारत का व्यापार घाटा कम होने की संभावना है. वैश्विक बाजार में रुपया मजबूत होगा. अन्य देश रुपये को अपनी व्यापारिक मुद्रा के रूप में अपनाना शुरू कर सकते हैं. एक मुद्रा को आम तौर पर ‘अंतर्राष्ट्रीय’ तब कहा जाता है, जब इसे व्यापार के विनिमय के माध्यम के रूप में दुनिया भर में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है. इससे पहले 1960 के दशक में कतर, यूएई, कुवैत और ओमान जैसे खाड़ी देशों में रुपये को स्वीकार किया गया था. भारत का पूर्वी यूरोप के साथ भुगतान समझौता भी था और इन भुगतान समझौतों के तहत खाते की यूनिट के रूप में रुपये का उपयोग किया जाता था. हालांकि 1960 के दशक के मध्य में इन व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया था.Rupee is going to become international currency
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