सत्य खबर
आम्रपाली ग्रुप विवाद का जिन्न एक बार फिर बाहर निकला है। अमरपाली ग्रुप के मददगार पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के सात ठिकानों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईडी की छापेमारी हुई है। मोहिंद्र सिंह के साथ साथ उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के कार्यालय और लखनऊ -मेरठ समेत सात ठिकानों पर छापेमारी हुई.
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मोहिंदर सिंह जब नोएडा Authority के चैयरमैन थे तब उसने करीब तीन अरब सत्रह करोड़ उनसठ लाख सड़सठ हजार पांच सौ तेइस वर्ग मीटर जमीन विवादास्पद समूहों को दे दी थी.मोहिंद्र सिंह के दोनों बच्चे US में रहते हैं और उनके पास US में अबूत संपति है।
बता दें कि 4 हजार करोड़ के बकाए के बावजूद नोएडा प्राधिकरण ने जमीन का आवंटन किया। जिस समय ये कार्रवाई की गई उस समय मोहिंदर सिंह नोएडा प्राधिकरण अथॉरिटी थे.ऐसे में सवाल ये उठता है कि मोहिंदर सिंह ने किन वजहों से नियमों से ऊपर जाते हुए आवंटन में मदद की.बकाया वसूलने के बजाए जमीन की लीज रिन्यू कैसे होती रही ? जिसके चलते अब सवाल ये है कि नोएडा प्राधिकरण के किन किन अधिकारियों से माहिदंर सिंह की मिलीभगत है ?
सूत्र के मुताबिक पता चला कि जब ये मामला सामने आया तो बहुत सारे IAS अधिकारी बीच में शामिल थे, जिनके बडे बडे फ्लेट अम्रपाली में है। अधिकारीयों की वजह से हजारों एकड़ लैंड नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बेच दिये गए। अनिल शर्मा और अमरपाली ग्रुप के विकास की कहानी विवादों में रही है और वही कहा जा रहा है कि इस पूरी कहानी में मोहिंदर सिंह शामिल रहे। महेंद्र सिंह के वक्त कैसे विकास हुआ ये सभी को पता है कि महिदंर सिंह उसमें शामिल है। आज नोएडा और ग्रेटर नोएडा Authority बहुत ही खस्ता हालत में है क्योकि मोहिदंर सिंह ने उसे लूट लिया है।
बता दें कि अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी ने मोहिंदर सिंह को समन भी भेजा है। ईडी को अभी इस मामले में महेंद्र सिंह के अलावा इस पूरी लूट में शामिल उन आईएएस अधिकारियों की भी जांच करनी है जिनकी वजह से सरकार को इतना बड़ा घाटा हुआ.बहराल अपने कार्यकाल के दौरान विवादों में रहे महेंद्र सिंह को पता नहीं था कि उनकी रिटायरमेंट के बावजूद ये विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ेंगे और अब ईडी की कार्रवाई महेंद्र सिंह के लिए बड़ा झटका साबित होगी।
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