political story of chautala village of district sirsa
सत्यखबर, ब्यूरो रिपोर्ट। गांव चौटाला: नाम ही काफी है। हैरान करती है गांव की सियासी कहानी। सियासत की नर्सरी है यह गांव। यह शायद देश का इकलौता ऐसा गांव होगा जहां से 14 राजनेता 38 बार विधायक बने। देश को इस गांव ने उपप्रधानमंत्री दिया। दो मुख्यमंत्री हरियाणा को दिए। बेशुमार मंत्री और सांसद यहां के राजनेता बने। चौधरी देवीलाल इसी गांव से ताल्लुक रखते थे। वे दो बार उपप्रधानमंत्री तो दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। उनके बड़े बेटे ओमप्रकाश ने तो अपने नाम के पीछे अपने गांव का नाम लगाना शुरू किया तो यह गांव राजनीतिक लिहाज से और अधिक सुर्खियों में आ गया। खास पहलू यह है कि 1938 के बाद से प्रत्येक विधानसभा में इस गांव ने प्रतिनिधित्व किया। 1938 और 1946 में साहिबराम विधायक चुने गए तो 1952 से लेकर 1966 तक वे एम.एल.सी. रहे।political story of chautala village of district sirsa
चौटाला गांव राजस्थान के संगरिया से सटा सिरसा जिला का सबसे बड़ा गांव है। यहां की आबादी 25 हजार से अधिक है। वोटों और आबादी के लिहाज से सिरसा के इस सबसे बड़े गांव में कभी 52 हजार एकड़ जमीन का रकबा था और इसे बावनी के नाम से जाना जाता था। एक अन्य कहानी इसके नाम के साथ जुड़ी है। यहां पर चार डालों वाले पेड़ थे, जिसकी वजह से इस गांव का नाम चौटाला पड़ा। पर इस गांव को प्रसिद्धी मिली इसकी सियासी कहानी की वजह से। 1938 में सिरसा सीट पर उपचुनाव हुआ। चौधरी देवीलाल पूरे सक्रिय थे पर कम उम्र होने के चलते वे चुनाव नहीं लड़ सके। उनके भाई साहिबराम ने चुनाव लड़ और जीतकर विधायक बने। 1946 में फिर से साहिबराम विधायक चुने गए।
Also check these links:
10 साल का भिखारी बच्चा निकला करोड़पति,जानिए कैसे हुआ खुलासा
क्या सर्दियों में आपका भी बढ़ जाता है वजन? जानिए कैसे करें कंट्रोल
नौजवानों में क्यों बढ़ रहा है तेजी से हार्ट अटैक… जानिए वजह
किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है 30 करोड़ के चोरी के आरोपी विकास लगरपुरिया की कहानी
इसके बाद 1951 में हुए चुनाव में देवीलाल सिरसा से विधायक चुने गए तो 1959 में सिरसा से उपचुनाव जीता और साल 1962 में फतेहाबाद से विधायक बने। 1975 देवीलाल ने उन्होंने रोड़ी से उपचुनाव जीता। 1977 में देवीलाल भट्टू से, 1982, 1985 और 1987 में महम से विधायक निर्वाचित हुए। अगर हम गहनता में जाए तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आते हैं। चौधरी साहिबराम 2 बार, चौधरी देवीलाल 8 बार, ओमप्रकाश चौटाला 7 बार, चौधरी मनीराम 3 बार, अजय ङ्क्षसह चौटाला 3 बार, अभय ङ्क्षसह चौटाला 5 बार, चौधरी रणजीत ङ्क्षसह, नैना चौटाला व डा. सीताराम 2-2 बार, प्रताप चौटाला, दुष्यंत चौटाला, अमित सिहाग, बृजलाल गोदारा और जयनारायण वर्मा 1-1 बार विधायक चुने गए। राज्य गठन के बाद 1967 में राज्य में पहला चुनाव हुआ। साहिब राम व देवीलाल के बाद देवीलाल के पुत्र प्रताप चौटाला 1967 में हुए प्रदेश के पहले विस चुनाव में ऐलनाबाद से विधायक बने।
ओमप्रकाश चौटाला ने साल 1970 अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। वे ऐलनाबाद से उपचुनाव जीतकर विधायक बने। चौटाला 1970 में ऐलनाबाद, 1990 में दड़बा कलां से, 1993 में नरवाना, 1996 में रोड़ी, 2000 में नरवाना, 2005 में रोड़ी और 2009 में उचाना से विधायक बने। इसी गांव के बृजलाल गोदारा 1972 में ऐलनाबाद से विधायक बनें। 1977 में बरवाला हलके से जयनारायण वर्मा विधायक चुने गए गए। एक और कद्दावर नेता थे स्व. मनीराम इसी गांव में पैदा हुए। वे 1977, 1987, 1996 में विधायक बने। हरियाणा योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रणजीत ङ्क्षसह 1987 में रोड़ी से तो 2019 में रानियां से विधायक बने। गांव चौटाला के ही मनीराम के पुत्र डा. सीताराम साल 2000 और 2005 में डबवाली से विधायक बनें। इसी प्रकार से अजय ङ्क्षसह चौटाला 1988 में राजस्थान के दाताराम गढ़, 1993 में नोहर से और 2009 में डबवाली से विधायक चुने गए। अभय ङ्क्षसह चौटाला साल 2000 में रोड़ी से तो साल 2010, 2014 और 2019 में ऐलनाबाद से विधायक निर्वाचित हुए। नैना चौटाला 2014 में डबवाली से और 2019 में बाढड़ा से विधायक बनीं तो दुष्यंत चौटाला 2019 में उचाना से विधायक बने। अमित सिहाग 2019 में डबवाली से विधायक चुने गए थे।political story of chautala village of district sirsa
Scrap aluminium technological advancements Scrap aluminium exports Metal recovery and recycling solutions
Scrap metal dealer Ferrous scrap metal yard Iron recycling and reclaiming
Ferrous waste recovery center, Iron scrap disposal facility, Metal salvage yard solutions