सत्य खबर, सोनीपत, पवन सिंह
पुरे देश भर में जैसे-जैसे कोविड-19 अपना तांडव मचा रहा है वैसे वैसे सोनीपत जिले के निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। जिसके चलते जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने निजी अस्पतालों के संचालकों के साथ सिविल अस्पताल में एक हाई लेवल मीटिंग की जो कि देर रात 12:00 बजे तक चली। सोनीपत जिले में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट के मालिक राजवीर दहिया ने भी सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाए है।
बता दें कि सोनीपत के निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत की खबरें सामने आने लगी जिसको लेकर सोनीपत जिले के आला अधिकारियों ने सोनीपत के निजी अस्पतालो के संचालकों के साथ देर रात तक एक हाई लेवल मीटिंग की । मीटिंग में सोनीपत के कार्यकारी जिला उपायुक्त अशोक कुमार बंसल सीएमओ जेएस पुनिया और अन्य डिप्टी सर्जन मौजूद रहे।
मीटिंग में अधिकारियों ने निजी अस्पताल संचालकों को आदेश दिया कि जिले में कोई भी पैनिक ना हो उसके लिए अलग से एक मॉनिटरिंग टीम तैनात कर दी गई है ताकि सभी अस्पतालों को उनके मरीजों के हिसाब से ऑक्सीजन वितरित की जाए।
जिला उपायुक्त अशोक कुमार बंसल ने कहा कि जिले में ऑक्सीजन की कोई भी कमी नहीं है और सरकार से बातचीत की जा रही है कोई भी निजी अस्पताल उतनी ही ऑक्सीजन ले सकेगा जितनी उनको अलॉट की जाएगी। बंसल ने ऑक्सीजन की किल्लत पर कहा कि जिले में कोई किल्लत नहीं है और अधिकारियों के साथ लगातार बैठक की जा रही है।
गौरतलब है कि सोनीपत में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट है। जिसका मालिक राजवीर दहिया है। राजवीर दहिया ने बताया कि सरकार ने हमारा कच्चे माल का जो कोटा था उसको आधा कर दिया है। जिसके चलते हमें ऑक्सीजन बनाने और भरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हमने पिछले कई दिनों में कई घंटे काम करके एक और प्लांट लगाया था जिसको अब हमें ठप करना पड़ रहा है। जिसके चलते पूरे जिले में ऑक्सीजन की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा। राजवीर दहिया ने कहा कि ऑक्सीजन के लिए मैं सोनीपत एसपी और डीसी से भी मिल चुका हूं लेकिन उनकी तरफ से कोई भी आश्वासन मुझे नहीं दिया गया है।
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वहीं अब निजी अस्पतालो में कोविड-19 के मरीजों को दाखिल करने के लिए बेड नहीं बचे हैं जिसके चलते नए मरीजों के परिजनों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है ऐसे ही कुछ मरीजों के परिजनों ने सोनीपत सिविल अस्पताल में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम हर जगह धक्के खा कर यहां पर आए हैं और हमारे मरीजों की हालत सीरियस है लेकिन कोई भी प्राइवेट हॉस्पिटल उनका इलाज करने के लिए राजी नहीं है।
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