सत्य खबर, अयोध्या ।
Statue of Shri Ram to be built with miraculous stone अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. अब खबर यह आई है कि गर्भगृह में स्थापित भगवान श्री और जानकी जी की प्रतिमा को शालिग्राम पत्थर से बनाया जाएगा. उसके लिए नेपाल की गंडकी नदी के शालिग्राम पत्थर लाए जा रहे हैं. इन पत्थरों से ही मूर्ति तैयार की जाएगी. यह पत्थर विशेष रूप से नेपाल के गंडकी नदी से निकाले गए हैं और हिन्दू धर्म में इनका विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शालिग्राम पत्थर भगवान विष्णु के स्वरूप मानें जाते हैं और कई हिन्दू घरों में इनकी नितदिन विशेष पूजा की जाती है.
2 फरवरी को अयोध्या आएंगे शिलाखंड
ये पत्थर दो टुकड़ों में है और इन दोनों शिलाखंडों का कुल वजन 127 क्विंटल है. जानकारों का कहना है कि महीनों की खोज के बाद शालिग्राम पत्थर के इतने बड़े टुकड़े मिल पाए हैं. ये शिलाखंड दो फरवरी को अयोध्या आएंगे. नेपाल से अयोध्या आने में 4 दिन का समय लगेगा और ये काफिला रोजाना करीब 125 किलोमीटर का सफर तय करेगा.
जनकपुर के मुख्य मंदिर में की गई पूजा-अर्चना
जानकारी के मुताबिक, दो दिन पहले नेपाल में पोखरा के पास गंडकी नदी से शालिग्राम पत्थर की दोनों शिलाओं को क्रेन की मदद से बड़े ट्रक में लोड किया गया था. इन पत्थरों को सबसे पहले पोखरा से नेपाल के जनकपुर लाया गया है. जनकपुर के मुख्य मंदिर में पूजा-अर्चना की गई. शुक्रवार को इन शिलाखंडों का दो दिवसीय अनुष्ठान प्रारंभ हुआ. विशेष अनुष्ठान के बाद ये शिलाएं बिहार के मधुबनी बॉर्डर से भारत में प्रवेश
करेंगी और अलग-अलग जगहों पर रुकते हुए 31 जनवरी की दोपहर बाद गोरखपुर के गोरक्षपीठ पहुंचेंगी. शिलाखंडों की यात्रा में जनकपुर और बिहार के साधु-संतों के अलावा विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारी भी साथ रहेंगे. नेपाल के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री 25 अन्य गणमान्य नागरिकों के साथ शिला को रवानगी के बाद भारत आ रहे हैं.
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यह है शालिग्राम पत्थरों की मान्यता, कहा जाता है देव शिला
शालिग्राम पत्थरों को शास्त्रों में विष्णु स्वरूप माना जाता है. वैष्णव शालिग्राम भगवान की पूजा करते हैं, इसलिए यह पूरा पत्थर शालिग्राम है. इसे अधिकतर नेपाल की गंडकी नदी में पाया जाता है. हिमालय के रास्ते में पानी चट्टान से टकराकर इस पत्थर को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है और नेपाल के लोग इन पत्थरों को खोज कर निकालते हैं और उसकी पूजा करते हैं.
शिलाओं से ऐसे बनेगी रामलला की मूर्ति
अयोध्या पहुंचने के बाद शालिग्राम की इन शिलाओं से रामलला की मूर्ति तैयार करने की अलग ही प्रक्रिया है. रामलला की मूर्ति तैयार करने के लिए जिन मूर्तिकारों और कलाकारों का चयन किया गया है, वह पहले अपनी ड्रॉइंग और सैंपल श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को देंगे. जिसका भी ड्रॉइंग और सैंपल पसंद आएगा, उसी मूर्तिकार को शालिग्राम का यह पत्थर रामलला की मूर्ति बनाने के लिए दिया जाएगा. रामलला की मूर्ति 5 से साढ़े 5 फीट की बाल स्वरूप की होगी. मूर्ति की ऊंचाई इस तरह तय की जा रही है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे रामलला के माथे पर पड़ें. Statue of Shri Ram to be built with miraculous stone
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