सत्य खबर । चंडीगढ़/रेवाड़ी
किसानों के दिल्ली कूच के एलान के बाद एनसीआर में शामिल हरियाणा के जिलों में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। उधर, रेवाड़ी में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खेड़ा बॉर्डर पर पुलिस कंटेनर लगाकर जाम कर रही है। यहां राजस्थान और दक्षिण हरियाणा के किसान जुटने शुरू हो गए हैं।
बता दें कि राजस्थान और दक्षिण हरियाणा के तमाम किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का एलान किया था। इसी के चलते रेवाड़ी पुलिस ने खेड़ा बॉर्डर को बैरिकेड और कंटेनर लगाकर बंद करना शुरू कर दिया है। खेड़ा बॉर्डर पर यातायात को रोका गया है। वहीं यातायात को डायवर्ट किया जा रहा है।
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब से बड़ी संख्या में किसान कंबाइनें लेकर दिल्ली की तरफ जा रहे हैं। इसके मद्देनजर इन किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने पहले की तरह दोबारा खनौरी बॉर्डर सील कर दिया। हरियाणा सरकार ने खनौरी के दातेवाल बॉर्डर पर बड़े-बड़े पत्थर लगा दिए और पंजाब के किसानों को रोकने का प्रयास किया।
वहीं कंबाइनें लेकर जा रहे किसानों का कहना है कि हरियाणा सरकार उनको पहले की तरह फिर रोकने का प्रयास कर रही है। हरियाणा सरकार की इस हरकत का पता जब बॉर्डर के नजदीक हरियाणा के कुछ गांवों के किसानों को लगा तो उन्होंने ट्रैक्टरों के जरिये बैरिकेड व बड़े-बड़े पत्थर मुख्य मार्ग से हटाकर आवाजाही सुचारु करवा दी। इसके बाद पुलिस ने दोबारा जेसीबी की मदद से पत्थर सड़क पर रख दिए।
किसान आंदोलन की अगली कड़ी में किसान नेताओं के प्रस्तावित 14 दिसंबर के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के दौरान हरियाणा में कानून व्यवस्था बनी रहे इसके लिए हरियाणा पुलिस गंभीर हो गई है। इसी के मद्देनजर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने आला पुलिस अफसरों की ड्यूटी लगा दी है। यह आला पुलिस अफसर कई जिलों में लगातार दौरा कर वहां किसान आंदोलन के हालात पर नजर रखेंगे।
डीजीपी के आदेश के बाद वरिष्ठ आईपीएस आलोक कुमार राय फरीदाबाद, पलवल, नूहं, आईपीएस एएस चावला को सिरसा, फतेहाबाद, हिसार व जींद, एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क को अंबाला, कुरुक्षेत्र व कैथल व आईपीएस कला रामचंद्रन को यमुनानगर, करनाल व हांसी में कानून व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन अफसरों को जिलों के स्थानीय पुलिस अफसरों से तालमेल कर वहां आंदोलन की मौजूदा स्थिति पर नजर रखना है। आंदोलन किसी प्रकार हिंसक न बने इसलिए खुफिया एजेंसी के हर इनपुट की समीक्षा भी करनी है। आगामी तीन दिन तक ये आला पुलिस अफसर फील्ड में रहकर हर परिस्थितियों पर नजर रखेंगे। उसके बाद अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को देंगे।
भाकियू हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने किसानों की मांग नहीं स्वीकारी तो 19 दिसंबर से आमरण अनशन का आह्वान किया जा सकता है। हालांकि अनशन में किसी किसान को जबरन शामिल नहीं किया जाएगा। उसमें कोई किसान अपनी मर्जी से शामिल होना चाहेगा तो वह शामिल हो सकता है। सरकार से बातचीत के रास्ते खुले हैं और वह कृषि कानून रद्द करने के लिए बात भी कर सकती है।
आंदोलनरत किसान कड़ाके की ठंड और खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं। शुक्रवार देर रात बूंदाबांदी के बाद बढ़ी ठंड के बावजूद किसान डटे हुए हैं। कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे अन्नदाता ने डेरा डाल रखा है। रात को बूंदाबांदी के बीच भी किसान बैठे रहे। किसानों को ठंड से बचाने के लिए जहां गर्म दूध दिया जा रहा है तो कहीं गर्म कॉफी में देसी घी मिलाकर पिलाया गया। किसानों के लिए गर्मागर्म शकरकंद की चाट भी बांटी।
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