central govt is angry with Haryana government
सत्य खबर , चंडीगढ़। हर घर और हर स्कूल में शौचालय के दावे करने वाली हरियाणा सरकार की केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में पोल खुल गई है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हरियाणा के स्कूलों में आज भी छात्र छात्राएं लोटा पार्टी के लिए मजबूर हैं। 185 ऐसे स्कूल हैं जहां टॉयलेट ही नहीं है। साथ ही 907 स्कूलों में कॉमन टॉयलेट बने हुए हैं, जहां पढ़ने वाली छात्राएं मजबूरी में लड़कों के साथ उसे शेयर कर रही हैं। केंद्र सरकार ने इसको लेकर नाराजगी जताई है।central govt is angry with Haryana government
ऐसा हुआ खुलासा
राज्यसभा सांसद ने संसद में पूछे गए सवाल में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा एक रिपोर्ट पेश की। जिसमें हरियाणा के सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की बदहाल स्थिति का खुलासा हुआ है। जबकि 2019-20 और 2021-22 के बीच समग्र शिक्षा अभियान के तहत देश भर में केंद्र सरकार के द्वारा 53,323 शौचालयों का निर्माण और 1,344 की मरम्मत कराई गई।
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पहाड़ी राज्य हिमाचल से खराब हालात
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि सरकारी स्कूलों में लड़के-लड़कियों के शौचालयों के अनुपात को लेकर भी हरियाणा की पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश से खराब स्थिति है। राष्ट्रीय औसत 1.09 के मुकाबले हरियाणा के स्कूलों में 1.14 औसत है। जबकि हिमाचल प्रदेश में यह औसत 1.04 दर्ज किया गया है।
2,651 स्कूलों के स्टूडेंट पी रहे दूषित पानी
रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा के 2,651 स्कूलों के स्टूडेंट दूषित पानी पी रहे हैं। यहां पर पाइप लाइन के जरिए नलों से पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि राज्य में 54 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर पीने के पानी की सुविधा ही नहीं है। हरियाणा का नूंह जिला ऐसा हैं जहां 942 सरकारी स्कूलों में 493 स्कूलों में ही नल के पानी की व्यवस्था है। 29 सरकारी स्कूलों में पेयजल की कोई सुविधा नहीं है।
मानवाधिकार पहुंच चुका मामला
इस रिपोर्ट के खुलासे से पहले हरियाणा के स्कूलों का यह मामला मानवाधिकार आयोग पहुंच चुका है। इस मामले में आयोग की तरफ से सरकार से जवाब भी मांगा गया था, लेकिन अभी तक कोई भी सुधार नहीं हो पाया है। जबकि सरकार की ओर से आए दिन यह दावे किए जाते रहे हैं कि सरकारी स्कूलों में सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया करा दी गई हैं।central govt is angry with Haryana government
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