पुलिस पीड़ितों से शटलकॉक की तरह व्यवहार कर भिखारी बना देती है।
सत्य ख़बर गुरुग्राम सतीश भारद्वाज :
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की एक महिला वकील ने एक सोशल ग्रुप में जागरूकता संदेश भेजकर बताया कि अपराधियों को सहयोग करने में पुलिस विभाग की बड़ी भूमिका है। बहुत आसानी से पुलिस अधिकारी जिन्हें भारतीय नागरिकों (करदाताओं) की गाढ़ी कमाई से वेतन मिलता है, उन्हें अपने कर्तव्य से बचने के लिए मूर्ख बनाते हैं। अपराधियों का समर्थन करने के लिए पुलिस विभाग समय पर एफआईआर दर्ज नहीं करता है और भारतीय नागरिकों (पीड़ितों) को या तो घुट-घुटकर, मानसिक रूप से टूटकर अपना जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर करता है या उनके साथ शटलकॉक की तरह व्यवहार करके उन्हें भिखारी बना देता है। उन्होंने हाल ही में एक मामले का हवाला देते हुए लिखा कि देखा गया है कि आरोपी ब्लैकमेलर ने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया कि पुलिस सहयोग कर रही है इसलिए मुझे अपना ब्लैकमेलिंग धंधा बंद करने की जरूरत नहीं है,वे जांच के लचर बहाने देकर अपराधियों की मदद करते हैं, जहां यह पाया गया है कि अगर उन्हें अदालत से नोटिस मिलता है तो वे किसी भी आरोपी को तलब भी नहीं करते हैं, वे अदालत को गुमराह करने और शिकायतकर्ताओं का समय बर्बाद करने के लिए झूठी और फर्जी रिपोर्ट दाखिल करते हैं।
इसलिए अब समय आ गया है, कि या तो पुलिस स्टेशनों को सील कर दिया जाए या उन भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए जो शिकायतकर्ताओं का समय बर्बाद करते हैं और उन्हें प्रताड़ित करते हैं/उन्हें आत्महत्या के लिए भी मजबूर करते हैं।
बता दें कि इसी महिला वकील ने एक युटुबर के खिलाफ गुरुग्राम दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब में उसकी छवि को खराब करने की दरखास्त दी हुई है। जिसपर पुलिस कोई कार्रवाई न करके यूट्यूबर से साज बाज हो गई है। इसके भी आरोप लगा चुकी है। यहां यह बात भी साफ झलक रही हैं कि लोगों को न्याय दिलाने वाली महिला वकील भी न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही है।