सत्य खबर, नई दिल्ली ।
The reason for reprimanding two officers of the High Court will surprise you
हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अधिकारियों को सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया. सजा सुनाने के बाद कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को तुरंत कोर्ट रूम से पुलिस हिरासत में भेज दिया.
हालांकि,बाद में चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने स्टे ऑर्डर दिया. जिसके बाद दोनों अधिकारियों को रिहा कर दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
साल 2021 का मामला है. डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर रचना द्विवेदी के छतरपुर से बड़ा मलहरा ट्रांसफर से जुड़ा है. उन्होंने इस ट्रांसफर को अदालत में चुनौती दी. इससे तत्कालीन छतरपुर कलेक्टर शिलेंद्र सिंह नाराज हो गए. उन्होंने ट्रांसफर आदेश जारी करने के बाद रचना को सेवा से बर्खास्त कर दिया.
मामले की सुनवाई जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने की. अदालत के सामने दोनों आईएएस अधिकारी मौजूद थे.
याचिकाकर्ता के वकील डीके त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया किया कि छतरपुर में डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर रचना द्विवेदी को बड़ा मलहरा में ट्रांसफर कर दिया गया था. उन्होंने इस तबादले को कोर्ट में चुनौती दी. जिसके बाद अदालत ने ट्रांसफर पर स्टे ऑर्डर दिया. कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें दोबारा बड़ा मलहरा जाने का निर्देश दिया गया. स्टे ऑर्डर के बावजूद उन्हें बड़ा मलहरा ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.
आगे कहा कि हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की और उनकी बर्खास्तगी पर भी रोक लगा दी. टर्मिनेशन पर स्टे मिलने के बाद रचना द्विवेदी जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह और कलेक्टर शीलेंद्र सिंह के कार्यालय में पदस्थापना करती रहीं, लेकिन उन्हें ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने दी गई. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद दोनों अधिकारियों ने उनकी ज्वाइनिंग नहीं कराई.
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इतना ही नहीं, हाईकोर्ट की ओर से तत्कालीन कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ कानूनी नोटिस भेजी गई. फिर भी रचना द्विवेदी को राहत नहीं मिली।
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की और दोनों आईएएस अधिकारियों को न सिर्फ फटकार लगाई बल्कि सजा भी सुनाई और जुर्माना भी लगाया
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