मध्य प्रदेश में आज ‘शिव’ का राज या दूसरा चेहरा? बीजेपी की बैठक में होगा फैसला
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The rule or another face of Shiv in Madhya Pradesh today?
सत्य खबर/ नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के बाद आज मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का फैसला होगा. छत्तीसगढ़ में बीजेपी विधायक दल की बैठक में आदिवासी नेता विष्णुदेव साय के नाम पर सहमति बन गई है और अब सभी को मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसले का इंतजार है. दोनों राज्यों में नए मुख्यमंत्री को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस को कड़ी चुनौती देते हुए बड़ी जीत हासिल की है. ऐसे में हर कोई यह जानने का इंतजार कर रहा है कि क्या शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे या पार्टी की ओर से किसी और नेता को मौका दिया जाएगा. राज्य में शिवराज सिंह चौहान के अलावा कई अन्य नेता भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं. मध्य प्रदेश में आज बीजेपी विधायक दल की बैठक होने जा रही है और इस बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी.
बीजेपी को बड़ी जीत हासिल हुई है
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ था. राज्य के मतदाताओं ने बीजेपी के पक्ष में बंपर वोटिंग की जिसके चलते पार्टी 163 विधानसभा सीटें जीतने में सफल रही है. वहीं, कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है। विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की ओर से किसी भी नेता को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं किया गया था.
बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और काम के दम पर चुनाव मैदान में उतरी थी. राज्य के चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को घोषित हुए थे और एक हफ्ते बाद भी राज्य के नए मुख्यमंत्री को लेकर अभी तक फैसला नहीं हो सका है. अब सबकी निगाहें आज होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक पर है.
बीजेपी विधायक दल की बैठक आज
मध्य प्रदेश में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के प्रमुख के.लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है. पार्टी के एक विधायक ने बताया कि बीजेपी विधायक दल की बैठक शाम 4 बजे होने की उम्मीद है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सभी विधायकों को दोपहर 1 बजे भोज के लिए बुलाया गया है और इसके बाद शाम 4 बजे विधायक दल की बैठक होगी जिसमें राज्य के नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर मुहर लगेगी.
विधायक दल की बैठक की जानकारी पार्टी की ओर से विधायकों को भेज दी गई है. विधायक दल की बैठक शुरू होने से पहले सभी विधायकों की ग्रुप फोटो भी होगी. बैठक से पहले विधायकों को मीडिया से दूरी बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया है.
शिवराज सिंह चौहान सबसे प्रबल दावेदार हैं
माना जाता है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की चुनावी जीत में शिवराज सिंह चौहान की बड़ी भूमिका रही है. शिवराज सिंह चौहान की लाडली ब्राह्मण योजना ने इस बार कमाल दिखाया है और बीजेपी महिलाओं का बंपर समर्थन हासिल करने में सफल रही है. बीजेपी की चुनावी जीत के बाद शिवराज सिंह चौहान लगातार यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वह अभी भी मध्य प्रदेश में सबसे ताकतवर नेता हैं. शिवराज सिंह चौहान चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वह 1990 में पहली बार विधायक चुने गए थे। इस बार उन्होंने बीजेपी की चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए 160 से ज्यादा चुनावी सभाएं की हैं। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शिवराज सिंह चौहान सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं.
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कई अन्य नेता भी सीएम पद के दावेदार हैं
हालांकि, राज्य में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शिवराज के अलावा कई अन्य कद्दावर नेता भी शामिल हैं. ओबीसी समुदाय से आने वाले प्रह्लाद सिंह पटेल को भी मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिमनी से नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र तोमर की दावेदारी भी काफी मजबूत मानी जा रही है. तोमर बीजेपी चुनाव अभियान समिति के प्रमुख रह चुके हैं.
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और इंदौर वन विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले कैलाश विजयवर्गीय भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. चुनाव नतीजे आने से पहले से ही वह परोक्ष रूप से सीएम पद का दावा करते रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं. 2020 में कांग्रेस को सत्ता से हटाकर बीजेपी की सरकार बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि कौन सा नेता बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का समर्थन और आशीर्वाद पाने में सफल होगा. हर कोई यह जानने का इंतजार कर रहा है कि क्या मध्य प्रदेश में ‘मामा राज’ की वापसी होगी या बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व किसी और नए चेहरे को मौका देगा.