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किसान शुभकरण की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया हरियाणा सरकार को झटका,

सत्य खबर,नई दिल्ली ।                                                      किसान आंदोलन 2.0 के दौरान खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में पंजाब के युवा किसान शुभकरण की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार को झटका दिया है। शुभकरण की मौत को लेकर हाईकोर्ट के न्यायिक जांच पर स्टे देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने दो, बाद में रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा। 22 वर्षीय किसान शुभकरण सिंह की पुलिस से झड़प में हुई मौत की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाने के हाईकोर्ट के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार ने चुनौती दी है।

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हरियाणा के एडवोकेट प्रदीप रापड़िया याचिकाकर्ता हरिंदर पाल सिंह ईशर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। जिसकी याचिका पर न्यायिक जांच के आदेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के ऑर्डर पर रोक लगाने से साफ मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिटायर्ड हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में जो कमेटी बनी है उसमें हरियाणा और पंजाब दोनों के ADGP रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं, जिससे लोगों का कानून व्यवस्था पर विश्वास मज़बूत होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अभी मामला हाईकोर्ट में लंबित है। जिसकी सुनवाई 10 अप्रैल को होनी है और रिपोर्ट भी कोर्ट में सब्मिट नहीं हुई है। रिपोर्ट आने के बाद ही मामले पर विचार किया जा सकता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की है।

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किसान आंदोलन के 9वें दिन यानी 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर किसान शुभकरण की मौत हो गई थी। शुभकरण बठिंडा में रामपुरा इलाके के बल्लो गांव का रहने वाला था। उसके सिर के पिछले हिस्से में गोली लगने जैसा निशान मिला था। वह दो बहनों का इकलौता भाई था। मां के 13 साल पहले परिवार को छोड़कर मायके चले जाने के बाद दादी सुखजीत कौर ने तीनों भाई-बहनों की परवरिश की।

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