सत्य खबर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :There is no religion bigger than humanity: Yogi Adityanath in Gurugram.
कहीं जीजा साले की लड़ाई तो कहीं दामाद ससुर की लड़ाई तो कहीं तोड़फोड़, ब्यान बाजी, धरपकड़, आगजनी, भागदौड़ फेरबदल इन दिनों सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और अखबारों में हर तरफ सब यही चल रहा है। अच्छाई सामाजिक कार्य अमन शांति की बातें तो हर तरफ हो रही है, लेकिन धरातल पर आकर कोई भी कुछ करने को तैयार नहीं है। लेकिन इन सबके चलते ही गुरुग्राम जिले में इस स्थिति में भी परी ने वह काम कर दिखाया जो आम नागरिक करने की तो बात ही अलग सोच भी नहीं रहा होगा।
गत दिनों नूंह में हुई हिंसा की घटनाओं की आग गुरुग्राम सहित काफी दूर-दूर तक पहुंची थी। जिसमें न जाने कितने बेकसूर लोगों के घर और दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं घटित हुई। हिंसक घटनाओं में हुए नुकसान का दर्द के बाद उनके पास सिर्फ आंसू बहाने के सिवाय कुछ नहीं था। ऐसे ही एक शख्स कल्लू मियां हैं। जिनकी बादशाहपुर सेक्टर 67 में स्थित छोटी सी दुकान को दंगाइयों ने आपके हवाले कर दिया था। जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था। किसी नागरिक ने कल्लू मियां का दुकान के सामने दर्द दिया करते का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। जिस पर परी की नजर पड़ गई और उसने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की डोर न डगमगाए कल्लू मियां के दर्द को समझा और कल्लू मियां की मदद को लेकर हाथ आगे बढ़ाते हुए उनकी फूंकी हुई दुकान को फिर से बनवाने की पहल कर दी। यह सामाजिक कार्य किया शहर में रहने वाली योगिता ने जो एक परी नाम से एनजीओ चलाती है। कल्लू मियां की जली हुई दुकान के पास ही एक दुकान बनवा उनको सौंप कर विधिवत उद्घाटन भी करवा दिया।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार योगिता ने उन लोगो को भी करारा जवाब दिया है, जो आपसी भाईचारा और माहौल को बिगाड़ने में लगे हैं। हिंदू संगठन जोड़ता है तोड़ता नही है, क्योंकि हिंदू समाज में बताया गया है कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही है और अगर आप किसी का बुरा करोगे तो आप हिंदू नही हो। बल्कि हिन्दू के नाम पर धब्बा हो। योगिता ने कल्लू मियां को आश्वासन दिया कि वह खुद एक दूसरे संप्रदाय से है और उनके संप्रदाय में कभी भी ऐसी बातें नही सिखाई गई हैं कि किसी का नुकसान हो। ऐसे में कल्लू मियां सहमे सहमे से मुस्कुराते हुए नजर आए और कल्लू मिया ने अपनी दुकान खोल कर अपनी जिंदगी को सुचारु रूप से शुरू कर दिया है।
बता दे कि योगिता भयाना “परी” नाम का एक एनजीओ चलाती है और इस एनजीओ का मुख्य मकसद यौन हिंसा पर वकालत करना, रोकथाम तंत्र प्रदान करना और मनो वैज्ञानिक परामर्श के साथ बचे लोगों का समर्थन करना है। इस मदद की वीडियो बना योगिता ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है। परी ने उन भ्रष्ट नेताओं और संगठन के मुंह पर ताला जड़ दिया है जो वोटों की राजनीति के कारण एक दूसरे को आपस में लड़ वाकर, मरवा कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं। हालांकि न जिले में हुई हिंसक घटनाओं में जान माल के नुकसान की भरपाई सदैव पीड़ितों के परिवार भुला नहीं पाएंगे, चाहे वह किसी भी समाज से संबंध रखते हो।