सत्य खबर, नई दिल्ली । This lady don of UP has a reward of 5 lakh
उत्तर प्रदेश में महिला अपराधियों की जब बात होती है तो उसमें सबसे ऊपर नाम आता है लेडी डॉन और मोस्ट वांटेड दीप्ति बहल का। दीप्ति बहल के ऊपर यूपी पुलिस ने 5 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। दीप्ति बहल बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी है। बाइक बोट घोटाले में दीप्ति बहल का नाम मुख्य आरोपियों की लिस्ट में सामने आया था, तभी से वो फरार है। बता दें, जल्द ही उनके नाम का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जा सकता है।
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मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के बद्रीपुरम की रहने वाली है। दीप्ति बहल की शादी संजय भाटी से हुई थी। संजय भाटी बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दीप्ति बहल के नाम पर एक स्कूल और हिमाचल प्रदेश में विश्वविद्यालय भी है। दीप्ति बहल शादी से पहले बागपत के एक कॉलेज में शिक्षक थीं। NBT की खबर के मुताबिक, बड़ौत कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बागपत की वेबसाइट में दीप्ति को प्रिंसिपल बताया गया है। इतना ही नहीं, वेबसाइट में यह भी दर्शाया गया है कि दीप्ति ने एमए और पीएचडी की है। यह कॉलेज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड है। बता दें, साल 2019 में बाइक बोट घोटाले का पहला मामला सामने आया था। जिसमें दीप्ति बहल को भी मुख्य आरोपी बनाया गया था। बाइक बोट घोटाले में नाम सामने आने के बाद से ही दीप्ति बहल फरार हो गई थी।
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खबर के मुताबिक, दीप्ति की तलाश सिर्फ यूपी पुलिस को ही नहीं है। बल्कि, देश की कई एजेंसियों को है। ऐसा बताया जा रहा है कि दीप्ति बहल को पिछले चार साल से देश की कई एजेंसिया तलाश रही हैं। मार्च 2021 में, जांच एजेंसियों ने लोनी में उसके आवास को कुर्क कर दिया। वहीं, दूसरी तरफ बाइक बोट घोटाले की जांच कर रही मेरठ आर्थिक अपराध शाखा का अनुमान है कि यह स्कैम करीब 4500 करोड़ रुपए का है। खबर के मुताबिक, बाइक बोट घोटाले के देश भर में 250 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इस मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक, दीप्ति के पति संजय भाटी और उनके परिवार के सदस्यों ने 20 अगस्त 2010 को गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (GIPL) नामक एक रियल एस्टेट कंपनी बनाई। यह कंपनी ग्रेटर नोएडा से बाइक बॉट की प्रमोटर बनी।
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अधिकारी की मानें तो अगस्त 2017 में भाटी ने अपनी फर्म के माध्यम से ‘बाइक बॉट’ योजना शुरू की और दीप्ति को कंपनी में अतिरिक्त निदेशक बनाया गया था। हालांकि, कोर्ट की एक सुनवाई के दौरान उसके वकील ने दावा किया कि वह कंपनी की एक गैर-कार्यकारी निदेशक थी। दीप्ति बहल ने 14 फरवरी 2017 को फर्म से इस्तीफा दे दिया था।
हालांकि, वर्ष 2019 में बाइक बॉट घोटाले में पहला मामला दर्ज होने के बाद ही वह फरार हो गई थी। बाइक बॉट घोटाले में नाम आने के बाद दीप्ति बहल की खोज शुरू हुई। साल 2020 में ईडब्लूओ ने दीप्ति के पकड़े जाने पर 50 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की थी। हालांकि, दीप्ति बहल फरार चल रही है और अभी तक पुलिस उन्हें पकड़ नहीं सकी। सूत्रों का ऐसा दावा है कि दीप्ति बहल देश छोड़कर भाग गई हो। फिलहाल, दीप्ति बहल कहा है इसे बारे में अभी कुछ नहीं कहा सकता। खबरों के मुताबिक, दीप्ति और एक अन्य आरोपी भूदेव सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की कार्रवाई चल रही है।
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अधिकारी की मानें तो बाइक बोट घोटाले में उत्तर प्रदेश में कुल 118 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इनमें सर्वाधिक 96 मुकदमे गौतमबुद्धनगर में दर्ज हैं। इसके अलावा बुलंदशहर में छह, गाजियाबाद में पांच, मेरठ व अलीगढ़ में दो-दो तथा हापुड़, बिजनौर, बागपत, आगरा, मुजफ्फरनगर व लखनऊ में एक-एक मुकदमा दर्ज है। इन सभी मामलों में दीप्ति बहल का नाम भी दर्ज है। This lady don of UP has a reward of 5 lakh
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