सत्य खबर, नई दिल्ली । This man can become kingmaker in Tripura elections
त्रिपुरा चुनाव में इन दिनों सबसे ज्यादा अगर किसी की चर्चा हो रही है तो वह टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के प्रमुख प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा की। प्रद्योत त्रिपुरा के राजघराने से ताल्लुक रखते हैं और अभी आदिवासियों के लिए अलग से ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ राज्य की मांग कर रहे हैं। इस मांग के साथ टिपरा मोथा ने चुनावी मैदान में भी ताल ठोक दी है। माना जा रहा है कि इस बार चुनाव में टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत ‘किंगमेकर’ साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा के बारे में सबकुछ…
क्यों भाजपा के लिए हो सकती है मुश्किल?
टिपरा मोथा पार्टी ने पिछले साल अप्रैल में हुए त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के चुनावों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-आईपीएफटी गठबंधन के साथ सीधे मुकाबले में ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग पर 28 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। सूबे की 20 विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। राज्य में आदिवासियों की संख्या भी 32 प्रतिशत है। यही कारण है कि भाजपा के सामने बड़ी मुश्किल हो सकती है। चुनाव त्रिकोणीय होने की उम्मीद है। यही कारण है कि इस बार के चुनाव में टिपरा मोथा को किंगमेकर बताया जा रहा है। इसमें कई भाजपा के नेता भी शामिल हो चुके हैं।
कांग्रेस छोड़कर 2019 में पार्टी बनाई
2019 में कांग्रेस से अलग होने के बाद प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा ने ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग रखते हुए अलग पार्टी बना ली। इसका नाम टिपरा मोथा रखा। प्रद्योत का कहना है कि, ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ मौजूदा त्रिपुरा राज्य से अलग एक राज्य होगा। नई जातीय मातृभूमि मुख्य रूप से उस क्षेत्र के स्वदेशी समुदायों के लिए होगी जो विभाजन के दौरान पूर्वी बंगाल से भारत आए बंगालियों की वजह से अपने ही क्षेत्र में अल्पसंख्यक हो गए थे। 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान बंगाली लोगों की एक बड़ी संख्या ने त्रिपुरा में शरण ली। जनगणना 2011 के अनुसार, बंगाली त्रिपुरा में 24.14 लाख लोगों की मातृभाषा है जो यहां की 36.74 लाख आबादी में से दो-तिहाई है। प्रद्योत अलग राज्य की मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अलग राज्य आदिवासियों के अधिकारों और संस्कृति की रक्षा करने में मदद करेगा, जो बंगाली समुदाय के लोगों के आ जाने से अब अल्पसंख्यक हो गए हैं।
कौन हैं प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा
अब प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मा के बारे में भी जान लेते हैं। प्रद्योत त्रिपुरा के राजशाही परिवार के प्रमुख हैं। इनका जन्म चार जुलाई 1978 को दिल्ली में हुआ। प्रद्योत त्रिपुरा के 185वें राजा किरीट बिक्रम किशोर देबबर्मा और महारानी बीहूबी कुमारी देवी के बेटे हैं। प्रद्योत की पढ़ाई शिलॉन्ग में हुई है। प्रद्योत के पिता राजा किरीट बिक्रम किशोर देबबर्मा तीन बार लोकसभा के सांसद और मां दो बार विधायक रह चुकी हैं। This man can become kingmaker in Tripura elections
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