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TMC सांसद Jawahar Sarkar resigns: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में भ्रष्टाचार और दुष्कर्म मामले पर कड़ा विरोध

Jawahar Sarkar resigns: पश्चिम बंगाल में RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने एक बार फिर से राजनीति में हलचल मचा दी है। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने पार्टी और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे के साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मामले को लेकर सरकार की भूमिका और पार्टी में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस पत्र में क्या लिखा है, आइए जानते हैं।

दुष्कर्म और हत्या के मामले पर सरकार की भूमिका पर सवाल

जवाहर सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में लिखा, “मैं सोच रहा था कि आप RG कर अस्पताल में हुई बर्बरता के खिलाफ कुछ बड़ा कदम उठाएंगी। आपकी पुरानी शैली में इस मामले पर कार्रवाई करने की उम्मीद थी, लेकिन आपने कोई कदम नहीं उठाया। जो कदम आपने अब उठाया है, वह बहुत देर से किया गया है।” उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया कि राज्य में शांति बहाल होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

जवाहर सरकार ने इस मामले को लेकर गहरी निराशा व्यक्त की और कहा कि उन्होंने उम्मीद की थी कि ममता बनर्जी अपने पुराने अंदाज में जूनियर डॉक्टरों के विरोध में हस्तक्षेप करेंगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कोलकाता में चल रहे प्रदर्शन जनता की नाराजगी का प्रतीक हैं, जो कुछ पसंदीदा लोगों और भ्रष्ट लोगों की निरंकुश प्रवृत्ति के खिलाफ है। यह प्रदर्शन बंगाल को हिला देने वाला साबित हुआ है।

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पार्टी में भ्रष्टाचार की बात

पत्र में जवाहर सरकार ने पार्टी में भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा किया। उन्होंने लिखा, “राज्य के पंचायतों और नगरपालिकाओं में स्थानीय स्तर के पार्टी नेताओं ने काफी संपत्ति बना ली है, जिससे बंगाल के लोगों को दुख उठाना पड़ा है। यह सच है कि अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी संपत्ति बनाई है, लेकिन बंगाल के लोग इस प्रकार के भ्रष्टाचार और दबदबे को स्वीकार नहीं कर सकते।”

जवाहर सरकार ने यह भी कहा, “मैं जानता हूं कि वर्तमान केंद्रीय सरकार उन अरबपतियों पर निर्भर है जिन्हें उसने बनाया है, लेकिन ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब मैं इस व्यवस्था पर हमला नहीं करता। मैं इन चीजों को नजरअंदाज नहीं कर सकता। भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दा है।”

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना

जवाहर सरकार ने अपने पत्र में ममता बनर्जी की नीतियों और उनकी निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस गंभीर मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे जनता की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकीं। उनकी टिप्पणियों से यह स्पष्ट होता है कि वह वर्तमान सरकार के खिलाफ आक्रोशित हैं और उन्होंने अपने इस्तीफे के माध्यम से अपनी असंतोष की आवाज को उठाया है।

निष्कर्ष

जवाहर सरकार का इस्तीफा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखा गया पत्र पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं। दुष्कर्म और हत्या के मामले में सरकार की भूमिका, पार्टी में भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर उठाए गए सवाल यह दर्शाते हैं कि बंगाल में राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने में कितनी उथल-पुथल है। इस पत्र के माध्यम से जवाहर सरकार ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश दिया है कि सरकारी और पार्टी स्तर पर सुधार की आवश्यकता है। यह पत्र न केवल ममता बनर्जी के लिए एक चुनौती है, बल्कि पूरे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर भी प्रभाव डाल सकता है।

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