सत्य खबर, नई दिल्ली । Today’s Hindu Calendar
⛅दिनांक – 08 फरवरी 2023
⛅दिन – बुधवार
⛅विक्रम संवत् – 2079
⛅शक संवत् – 1944
⛅अयन – उत्तरायण
⛅ऋतु – शिशिर
⛅मास – फाल्गुन (गुजरात, महाराष्ट्र में माघ)
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – तृतीया 09 फरवरी सुबह 06:23 तक तत्पश्चात चतुर्थी
⛅नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
⛅योग – अतिगण्ड शाम 04:31 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅राहु काल – दोपहर 12:54 से 02:18 तक
⛅सूर्योदय – 07:16
⛅सूर्यास्त – 06:31
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:34 से 06:25 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 से 01:19 तक
⛅व्रत पर्व विवरण –
⛅विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹सुखमय जीवन की अनमोल कुंजियाँ🔹
🔹नजर दोष निवारण के लिए🔹
🔸घर में किसीको नजर लगी हो तो घर के आँगन में तुलसी का पौधा (गमले में या जैसी व्यवस्था हो) लगाकर उसके सामने रोज सायंकाल में दीपक प्रज्वलित करें ।
🔸लक्ष्मीप्राप्ति हेतु करें यह प्रयोग🔸
धन का लाभ नहीं हो रहा हो तो, शुक्रवार से गोधूलि वेला में पूजाघर में या तुलसी के पौधे के सामने नित्य देशी गाय के घी का दीपक जलायें ।
🔹विवाह की बाधा दूर करने का उपाय🔹
🔸यदि किसी कन्या का विवाह न हो पा रहा हो तो पूर्णिमा को वटवृक्ष की १०८ परिक्रमा करने से विवाह की बाधा दूर हो जाती है । गुरुवार को बड़ या पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करने से भी विवाह की बाधा दूर होती है ।
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🔹पुण्यदायी तिथियाँ व योग🔹
१७ फरवरी : विजया एकादशी (व्रत से इस लोक में विजयप्राप्ति होती है और परलोक भी अक्षय बना रहता है ।)
१८ फरवरी : महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि- जागरण, शिव-पूजन (निशीथकाल : रात्रि १२- २८ से १-१९ तक)
१९ फरवरी : द्वापर युगादि तिथि (स्नान, दान- पुण्य, जप, हवन से अनंत फल की प्राप्ति)
२० फरवरी : सोमवती अमावस्या (सूर्योदय से दोपहर १२-३५ तक) (तुलसी की १०८ परिक्रमा करने से दरिद्रता – नाश)
२६ फरवरी : रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से रात्रि १२-५८ तक)
३ मार्च : आमलकी एकादशी (व्रत करके आँवले के वृक्ष के पास रात्रि-जागरण, उसकी १०८ या २८ परिक्रमा करनेवाला सब पापों से छूट जाता है और १००० गोदान का फल प्राप्त करता है ।)
६ मार्च: होलिका दहन (होली की रात्रि का जागरण, जप, मौन, ध्यान बहुत फलदायी होता है ।)
१५ मार्च : षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर १२-४९ तक) (षडशीति संक्रांति में किये गये ध्यान, जप व पुण्यकर्म का फल ८६,००० गुना होता है । पद्म पुराण), बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से शाम ६-४५ तक)
🔸दर्द- निवारण हेतु अनुभूत रामबाण प्रयोग🔸
🔹शरीर में जितनी जगह दर्द हो रहा है उसके अनुरूप प्याज लेकर कुचल लें । सोने से पहले सरसों का तेल और आवश्यकतानुसार हल्दी मिलाकर प्याज को भून लें । फिर सहने योग्य गरम रहते हुए इसे दर्द के स्थान पर कपड़े से बाँध लें । बिस्तर, कपड़े आदि खराब न हों इसलिए ऊपर से पॉलीथीन बाँध सकते हैं । इस अनुभूत रामबाण प्रयोग को कुछ दिन करने से दर्द में लाभ होता है । Today’s Hindu Calendar
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