हरियाणा के इस हाइवे पर चढ़ते ही ऑटोमैटिक कटेगा टोल, नहीं रोकनी पड़ेगी गाड़ी
हरियाणा के लोगों के लिए राहत की खबर है। प्रदेश में जल्द ही एक ऐसा नया हाईवे शुरू होने वाला है। जिस पर बिना कर्मचारियों के ही टोल प्लाजा चलेगा और इस पर वाहन चालकों को गाड़ी भी धीमे करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वाहन चालकों का टोल ऑटोमैटिक ही कट जाएगा।
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हरियाणा के लोगों के लिए राहत की खबर है। प्रदेश में जल्द ही एक ऐसा नया हाईवे शुरू होने वाला है। जिस पर बिना कर्मचारियों के ही टोल प्लाजा चलेगा और इस पर वाहन चालकों को गाड़ी भी धीमे करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वाहन चालकों का टोल ऑटोमैटिक ही कट जाएगा।
दरअसल, अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 के सोनीपत स्पर पर ट्रायल खत्म होने के बाद NHAI ने टोल की दरें तय कर दी हैं। झिंझौली में यह ऑटोमैटिक टोल प्लाज बना हुआ है। यहां से आपको सोनीपत से होकर बवाना तक करीब 29 किलोमीटर तक का सफर करना होगा।
इसके लिए कार चालक को 65 रुपये का टोल देना होगा। यहां पर Toll कलेक्शन की पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक है और सेंसर की मदद से Fastag से अपने आप ही टोल कट जाएगा। फिलहाल, लोगों को जागरूक करने और सभी वाहनों पर Fastag सुनिश्चित करने के लिए एक-एक अस्थाई कैश लेन भी होगी। ताकि, वाहन चालकों को किसी तरह की परेशानी न हो।
एक घंटे में पहुंचे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट
यह नया हाईवे शुरू होने के बाद सोनीपत से बवाना तक का सफर 20 मिनट में पूरा हो सकेगा। इसके अलावा IGI एयरपोर्ट का 70 KM का सफर एक घंटे से भी कम हो जाएगा। इससे दिल्ली-अमृतसर एनएच 44 पर भी ट्रैफिक का दबाव भी कम हो जाएगा। वहीं पंजाब, हरियाणा और बाहरी दिल्ली की कनेक्टिविटी भी सुगम होगी।
इतना देना होगा Toll शुल्क
कार, जीप, वैन आदि हल्के वाहन -65 रुपये
मिनी बस, हल्के व्यवसायिक वाहन -105 रुपये
दो एक्सल के व्यवसायिक वाहन -225 रुपये
तीन एक्सल तक के वाहन -245 रुपये
तीन से छह एक्सल वाहन -350 रुपये
सात या इससे ज्यादा एक्सल -430 रुपये
एक महीने में वाहन चालकों को इतना देना पड़ेगा मासिक शुल्क
एक तरफ के शुल्क का 30 गुना होगा।
स्थानीय वाहनों के लिए
10 किलोमीटर के वाहनों के लिए-150 रुपए मासिक
20 किलोमीटर के वाहनों के लिए-500 रुपए मासिक
20 किलोमीटर एलसीवी के लिए-15 रुपये प्रति ट्रिप
20 किलोमीटप ट्रक, बस-25 रुपये प्रति ट्रिप
Toll सिस्टम ऐसे करेगा का काम
NHAI अधिकारियों की मानें, तो अभी इसे एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम और रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन यानी आरएफआइडी सिस्टम से जोड़ा गया है। जैसे ही वाहन सेंसर के पास आए तो अत्याधुनिक सेंसरयुक्त बूम बैरियर अपने आप ही खुल जाएंगे।
इस Toll प्लाजा पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली के पायलट प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है। भविष्य में GNSS आधारित Toll शुरू होगा तो Fastag और बूम बैरियर की जरूरत नहीं होगी।
इस तकनीक की मदद से हाईवे पर चढ़ते ही प्रत्येक वाहन की एक यूनिक आइडी बनेगी। इसी तरह का एक टोल प्लाजा यूपी के कानपुर में भी बनाया गया है।
कब से कटेगा Toll शुल्क ?
NHAI के अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर तक टोल शुल्क लेने का काम शुरू कर दिया जाएगा। किसी तरह की तकनीकी खामी होगी तो कंट्रोल रूम में मौजूद इंजीनियर तुरंत दूर करेंगे। इस टोल प्लाजा को पूरी तरह से ऑटोमेटिक तरीके से चलाने की प्लानिंग है।