2 officers trapped in sex instead of job
सत्य खबर, नई दिल्ली । अंडमान निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण और लेबर कमिश्नर आरएस ऋषि के खिलाफ गैंगरेप और उत्पीड़न मामले की जांच चल रही है. इसमें चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. दरअसल, 21 वर्षीय महिला ने ये आरोप लगाए थे. मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया. जांच के दौरान मामला ‘जॉब फॉर सेक्स’ रैकेट से जुड़ा समझ आ रहा है. आरोपों के बाद दोनों अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया था.
एसआईटी जांच में सामने आया है कि मामले की कई सबूतों को मिटाया गया है. इस रैकेट के तहत 20 से अधिक महिलाओं को एक साल से अधिक समय के अंदर कथित तौर पर पोर्ट ब्लेयर स्थित पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण के घर लाया गया. इनमें से कई महिलाओं को यौन शोषण के बाद जॉब भी दी गई है. इस मामले में पूर्व अधिकारी 28 अक्टूबर को एसआईटी के सामने पेश हो सकते हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनकी पेशी के लिए यही लास्ट डेट तय की है.2 officers trapped in sex instead of job
पीड़ित महिला ने एसआईटी को दिए सबूत
पीड़ित महिला ने एसआईटी को जो सबूत दिए हैं उसके मुताबिक आरोप सही होने की तरफ इशारा कर रहे हैं. दोनों अधिकारियों के कॉल डेटा रिकॉर्ड आपस में मैच हो रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने यह भी पुष्टि की है कि मुख्य सचिव के घर में मौजूद सीसीटीवी कैमरा सिस्टम के डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) की हार्ड डिस्क को पूरी तरह से डिलीट कर दिया गया है. पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी और एक स्थानीय सीसीटीवी विशेषज्ञ ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के कथित डिलीट होने की पुष्टि की है.
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सबूतों के साथ छेड़छाड़
जितेंद्र नारायण की जमानत याचिका के खिलाफ बहस करते हुए, अंडमान और निकोबार को ओर से वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट के सामने कहा था कि पीड़ित के बयान की एक ‘संरक्षित गवाह’ और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों से पुष्टि हुई है. 20 अक्टूबर को आए आदेश में ये भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता जितेंद्र नारायण की ओर से “सबूतों से कई बार छेड़छाड़ भी की गई है.
अधिकारी ने किया आरोपों से इनकार
आरोपों से इनकार करते हुए नारायण ने गृह मंत्रालय और अंडमान निकोबार प्रशासन को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि ये उनके खिलाफ एक साजिश है. उन्होंने लिखा है कि उनके पास कुछ ऐसे सबूत मौजूद है जिससे ये केस फर्जी साबित होगा. अधिकारी ने FIR में दी गई दो तारीखों में से एक पर पोर्ट ब्लेयर में अपनी मौजूदगी को चुनौती दी है और नई दिल्ली में अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए हवाई टिकट और नियुक्ति कार्यक्रम का हवाला दिया है.2 officers trapped in sex instead of job
दोनों अधिकारी सस्पेंड
हालांकि पीड़ित महिला के परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि महिला ने जो तारीखें दी हैं उसमें कुछ गलती हुई है. उन्होंने एसआईटी को दिए अपने बयान में इसे स्पष्ट किया है. इस मामले में जानकारी के लिए जब अधिकारी को फोन लगाया गया तो उन्होंने ये कहते हुए कि मामला कोर्ट में हैं कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. नारायण को 14 नवंबर तक अंतरिम जमानत मिली है. दूसरे अधिकारी आरएल ऋषि को भी निलंबित कर दिया गया है और पोर्ट ब्लेयर में उनकी बेल खारिज होने के बाद गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं.
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