आज कारगिल दिवस की 21वीं सालगिरह
गांव बिशाहन के युवा देश के लिए समर्पित
चार-चार पीढियों ने की है देश की सेवा
गांव से निकले हैं पूर्व सेना अध्यक्ष दलबीर सिहाग जैसे योद्धा
मुलभूत सुविधाओं को तरस रहा है गांव
गांव से लोग कर रहे हैं पलायान
सरकार नहीं दे रही कोई ध्यान
सत्य खबर झज्जर
आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस की 21वीं सालिगरह मना रहा है….इस मौके पर आज हम देश के एक ऐसे गांव से रूबरू कराएंगे….जिस गांव के जवान सिर्फ और सिर्फ देश के लिए समर्पित है….जी हां हम बात कर रहे हैं हरियाणा के झज्जर जिले के गांव बिशाहन की…कहने में और दिखने में ये गांव बेहद छोटा है
लेकिन इस गांव का जिगरा बहुत बड़ा है…यहां हर घर से एक फौजी है….यहां एक पीढ़ी नहीं बल्कि चार-चार पीढ़ियों से यहां के जवान देश की रक्षा कर रहे हैं….देश सेवा का जज्बा इस गांव की मिट्टी में कुछ ऐसा है कि दादा-पिता, बेटे और पोते हर कोई देश की सीमा पर जाकर देश की रक्षा कर रहा है और करना भी चाहते है
इस गांव की मिट्टी से कॉन्स्टेबल से लेकर सेना अध्यक्ष तक निकले हैं….पूर्व सेना अध्यक्ष दलबीर सिहाग इसी गांव की देन है…जल, थल, वायु देश की तीनों सेनाओं में इस गांव के जवान शामिल है…
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आप गांव में लगे ग्राम गौरव पट पर लिखे गए वीरों के नाम से इसकी बानगी खुद देख सकते हैं…लेकिन अफसोस जिस गांव की चार-चार पीढ़ियां देश सेवा के लिए समर्पित हो उस गांव के हालात देखकर आप हैरान रह जाएंगे….जी हां अब हम आपको गांव का एक अलग रूप दिखाने जा रहे हैं
जिस गांव के वीरों ने विश्व युद्ध से लेकर कारगिल की लड़ाई तक लड़ी हो, उसी गांव के जवान अब सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं….देश को समर्पित ये गांव अपनी ही बदहाली पर आंसू बहा रहा है…जो जवान कभी देश की विभिन्न लड़ाई में शामिल थे आज वही एक्स सर्विसमैन अपने हालात बयां कर रहे हैं
सालों तक देश की सेवा करने वाले गांव के एक्स सर्विसमैन आज खुद सुविधाओं के अभाव में अपना जीवन व्यापन कर रहे हैं…जिस गांव को सरकार या प्रशासन द्वारा आदर्श गांव या नगर बना देना चाहिए था… उस गांव के हालात एक आम गांव से बदहाल हैं…
जो गांव पूरी तरह से हाईटेक होना चाहिए था वो गांव उसके लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं….पीने के पानी की समस्या से लेकर पानी निकासी की समस्या जिससे पूरा गांव हमेशा तालाब में तब्दील रहता है…इतना ही नहीं गांव के लोग खेती पर भी आधारित है
लेकिन गांव में हर साल बारिश के सीजन में फसल बर्बाद हो जाती है…आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह से गांव की गलियां तालाब में तब्दील है…साथ में गांव के खेतों में भी भरा पानी तालाब की तरह दिखाई दे रहा है….जिससे हर साल पूरी फसल बर्बाद हो जाती है…
गांव में सुविधाओं का अभाव ऐसा है कि ग्रामीणों ने यहां से पलायन करना शुरू कर दिया है…आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि कैसे हर दूसरे घर पर ताला लटका है….एक तिहाई लोग गांव से पलायन कर चुके हैं
करें भी क्यों ना क्योंकि जिस गांव में बस परिवहन जैसी भी सुविधा ना हो तो ऐसे गांव के बच्चे बाहर जाकर कैसे अपनी शिक्षा ग्रहण करेंगे….गांव में बस की कोई खास सुविधा नहीं है हर कोई अपने साधनों से ही अपने बच्चों को स्कूल या कॉलेज पढ़ने के लिए छोड़ने जाता है
तो ऐसे में आप खुद समझ जाइए कि ये कैसी सरकारें हैं कैसा सिस्टम है…जो ऐसे गांव को भी विकास के मामले में नजरअंदाज कर देता है….जिस गांव के जवान दिन-रात गर्मी-सर्दी में अपने देश की रक्षा के लिए सीमा पर डटे रहते हैं
उस गांव के ऐसे हालात दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है…सोई हुई सरकार और सोया हुए सिस्टम कम से कम ऐसे गांव की तरफ तो जरूर ध्यान दें…खैर मीडिया ने आज कारगिल दिवस पर आपको देश के ऐसे गांव से रूबरू कराया है
जिसमें सिर्फ देश भावना है और देश भावना रखने वाले गांव के ऐसे हालात हैं, समझ से परे….उम्मीद करते हैं सरकार और सिस्टम सेना के लिए समर्पित ऐसे गांव के विकास के लिए आगे आए ताकि ऐसे गांव के वीरों का जज्बा देश सेवा के लिए बना रहे हैं….
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