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जब Amitabh Bachchan के पास वॉचमैन को देने के भी पैसे नहीं थे, फिर भी नहीं मानी हार

बॉलीवुड के मेगास्टार Amitabh Bachchan आज के समय में इंडस्ट्री के सबसे बड़े सितारे हैं। उनकी लोकप्रियता और अभिनय कौशल के लिए उन्हें हर कोई जानता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी आया था जब Amitabh Bachchan को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था? यह वह समय था जब उन्होंने फिल्में प्रोड्यूस करना शुरू किया था, लेकिन उनकी सारी फिल्में असफल हो गईं। इस कठिन समय ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि उन्हें फिर से खड़ा होने का हौसला दिया।

राजिनीकांत का अमिताभ के संघर्ष पर बयान

हाल ही में, सुपरस्टार राजिनीकांत ने Amitabh Bachchan के संघर्ष के दिनों के बारे में बात की। उन्होंने चेन्नई में ‘वेट्टाईयन’ के ऑडियो लॉन्च के दौरान बताया कि कैसे बिग बी ने इस संकट का सामना किया। राजिनीकांत ने कहा, “जब अमित जी ने फिल्में प्रोड्यूस करना शुरू किया, तो उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ा। वह अपने वॉचमैन को भी पैसे नहीं दे पा रहे थे। उनका जुहू का घर नीलामी पर था। पूरे बॉलीवुड में लोग उन पर हंस रहे थे।”

यह सच है कि जब किसी सितारे की चमक फीकी पड़ जाती है, तो लोग उसकी गिरावट को देखने के लिए तैयार रहते हैं। राजिनीकांत ने कहा कि यह समय उनके लिए बहुत कठिन था, लेकिन अमिताभ ने हार नहीं मानी। “तीन साल बाद, उन्होंने विज्ञापनों और ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से सारी रकम कमा ली। फिर उन्होंने जुहू के घर के साथ ही उसी गली में तीन और घर खरीदे। वह सच में एक प्रेरणा हैं।”

जब Amitabh Bachchan के पास वॉचमैन को देने के भी पैसे नहीं थे, फिर भी नहीं मानी हार

संघर्ष से प्रेरणा तक

Amitabh Bachchan ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उनके पिता हरिवंश राय बच्चन एक महान कवि थे, लेकिन अमिताभ ने खुद अपने करियर की शुरुआत की, बिना अपने पिता के प्रभाव का सहारा लिए। यह उनके साहस और आत्मविश्वास का प्रमाण है। जब उन्होंने संघर्ष का सामना किया, तब उन्होंने अपने मेहनत और दृढ़ संकल्प से अपनी स्थिति को बदला।

अमिताभ का कहना है कि जब उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था, तब भी लोगों ने उनकी क्षमता पर सवाल उठाए थे। लेकिन उन्होंने कभी भी अपने सपनों को छोड़ने का सोचा नहीं। उन्होंने खुद को साबित किया और अपनी मेहनत से उस स्तर तक पहुंचे जहाँ आज वह हैं।

सफल वापसी

Amitabh Bachchan की वापसी ने उनके प्रशंसकों को चौंका दिया। उन्होंने कई सफल फिल्में दीं, जैसे ‘मोहेब्बतें’ और ‘बड़े मियां छोटे मियां’, जो न केवल बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी जगह बनाई। उनकी ये फिल्में इस बात का सबूत हैं कि कैसे एक संघर्षशील व्यक्ति कठिनाइयों का सामना करके सफल हो सकता है।

82 की उम्र में काम करने का जज्बा

राजिनीकांत ने भी अमिताभ की उम्र की सराहना की। “वह 82 साल के हैं और 10 घंटे काम करते हैं। यह उनकी मेहनत और समर्पण का उदाहरण है।” अमिताभ का यह जज्बा हमें सिखाता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है; अगर आपके अंदर काम करने का जज्बा है, तो कोई भी बाधा आपके रास्ते में नहीं आ सकती।

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