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मंत्री बनाने के बाद क्यों होने लगा शिवराज सिंह चौहान विरोध ?

सत्य खबर, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया :

सोमवार को मोदी कैबिनेट की पहली बैठक के बाद मंत्रियों के विभागों का ऐलान कर दिया गया था। जिसमें प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग का मंत्री बनाया गया है. हालाँकि मंत्री बनने के बाद अब शिवराज सिंह चौहान को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग का मंत्री बनाए जाने के खिलाफ है और यही वजह है की अपना विरोध जताने के लिए वे सड़क पर उतर आये है।

संयुक्त किसान मोर्चे का कहना है की जब जून 2017 में पुलिसकर्मियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों द्वारा प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह पर गोलीबारी की गई थी, जिसमें छह किसानों की मौत हो गई थी। उस समय शिवराज मुख्यमंत्री थे और बे उस घटना के लिए ज़िम्मेदार हैं। बता दे की इसे लेकर अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी किसान मोर्चे को अपना समर्थन दिया है । वही अब संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि वे 10 जुलाई को राजधानी दिल्ली एक आम सभा की बैठक करेंगे जिसमें सभी किसान संगठन शामिल होंगे।

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा है कि ‘संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने जून 2017 में मध्यप्रदेश के मंदसौर में जो हुआ था उसे देश के लोगों को याद दिलाने का सही काम किया है। मौजूदा कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तब वहां के मुख्यमंत्री थे। पुलिस ने छह किसानों की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी थी। वे अपनी फ़सलों के लिए पर्याप्त MSP न होने का विरोध कर रहे थे और अपने गंभीर आर्थिक संकट को देखते हुए ऋण माफ़ी की मांग कर रहे थे। दुर्भाग्य से, मंदसौर में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में एक दलबदलू भी शामिल थे – जिन्होंने मार्च 2020 में गद्दारी कर के लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने में मुख्य भूमिका निभाई जिसने ऋण माफ़ी शुरू की थी – अब वह दूरसंचार और पूर्वोत्तर विकास मंत्री हैं।’

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