सत्य खबर
किसी भी प्रकार के नमक के अधिक सेवन से हानि होती है । संधिवात, जोड़ों की सूजन, गठिया, उच्च रक्तचाप, पथरी, जठर का कैंसर, मूत्रपिंड के रोग, यकृत के रोग मोटापा और मोटापे से मधुमेह आदि रोग होते हैं । नमक खाने के बाद कैल्शियम मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकाला जाता है । जितना नमक अधिक उतना कैल्शियम तेजी से कम होता है। इससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं, दाँत जल्दी गिरने लगते हैं तथा बाल सफेद होकर झड़ने लगते हैं। अधिक नमक स्नायुओं को शिथिल करता व त्वचा पर झुर्रियाँ लाता है । ज्यादा नमक खानेवाले व्यक्ति जल्दी थक जाते हैं। अधिक नमक ज्ञानतंतुओं व आँखों को क्षति पहुँचाता है ।
इससे दृष्टिपटल क्षतिग्रस्त होकर दृष्टि मंद हो जाती है। नमक की तीक्ष्णता से शुक्रधातु पतला होकर स्वप्नदोष, शीघ्र पतन व पुंसत्वनाश होता है । अम्लपित्त, अधिक मासिकस्राव, एक्जिमा, दाद, गंजापन व पुराने त्वचा-रोगों का एक प्रमुख कारण नमक का अधिक सेवन भी है । अकाल वार्धक्य को रोकनेवाली आयुर्वेदोक्त रसायन-चिकित्सा में नमक बिना के आहार की योजना की जाती है ।
अधिक नमक से हृदयरोग
आवश्यकता से अधिक नमक खाने पर उसे फीका करने के लिए शरीर अधिक पानी का उपयोग करता है। इससे जलीय अंश का संतुलन बिगड़कर रक्तदाब बढ़ जाता है,जो हृदयरोग उत्पन्न करता है। ‘साइंटिफिक एडवायजरी कमेटी ऑन न्यूट— तथा 2003 में इंग्लैंड में किये गये शोध के अनुसार अतिरिक्त नमक से हृदय का आकार बढ़ जाता है।
अधिक नमक का मन पर प्रभाव
नमक सप्तधातुओं में निहित ओज को क्षीण कर देता है। ओजक्षय के कारण मनुष्य भयभीत व चिंतित रहता है। उसकी शारीरिक व मानसिक क्लेश सहने की क्षमता घट जाती है।
नमक के अति सेवन से केसे बचे
भोजन बनाते समय ध्यान रखें कि भोजन स्वादिष्ट हो पर चरपरा नहीं । अधिकतर पदार्थों में सोडियम प्राकृतिक रूप से ही उपस्थित होता है, फलों व सब्जियों में विशेष रूप से पाया जाता है। अतः सब्जियों में नमक कम डालें। सलाद आदि में नमक की आवश्यकता नहीं होती। चावल व रोटी बिना नमक की ही बनानी चाहिए। अपनी संस्कृति में भोजन में ऊपर से नमक मिलाने की प्रथा नहीं है। वैज्ञानिकों का भी कहना है कि शरीर अन्न के साथ घुले-मिले नमक का ही उपयोग करता है। ऊपर से डाला गया नमक शरीर में अपक्व अवस्था में चला जाता है। चिप्स, पॉपकॉर्न, चाट आदि व्यंजनों में ऊपर से डाला गया नमक कई दुष्परिणाम उत्पन्न करता है। दीर्घकाल तक सुरक्षित रखने के लिए अत्यधिक नमक डाल के बनाये गये पदार्थ, जैसे – फास्टफूड, अचार, चटनी, मुरब्बे, पापड़, केचप्स आदि का सेवन स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं है।
सप्ताह में एक दिन, खासकर रविवार को बिना नमक का भोजन करना शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए खूब लाभदायी है। गर्मियों में व पित्त-प्रकृतिवाले व्यक्तियों को तथा पित्तजन्य रोगों में नमक कम खाना चाहिए। परिश्रमियों की अपेक्षा सुखासीन व्यक्तियों को नमक की जरूरत कम होती है।
*चैत्र महीने में 15 दिन बिना नमक का भोजन अर्थात् ‘अलोना व्रत’ करने से त्वचा, हृदय, गुर्दे के विकार नहीं होते, वर्षभर बुखार नहीं आता। इन दिनों सुबह नीम के फूलों का 20 मि.ली. रस पीने से अथवा नीम के 10-15 कोपलें और 1-2 काली मिर्च मिश्री या शहद के साथ लेने से रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है।
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