सत्य खबर,नई दिल्ली
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य की ईवी पॉलिसी बना रही हैं. दिल्ली, हरियाणा के बाद अब छत्तीसगढ़ ने भी अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी है. छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को अपनी ईवी नीति का एलान किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ ईवी नीति 2022 को मंजूरी दी गई. नीति का मकसद न सिर्फ सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में इजाफा करना है, बल्कि आने वाले दिनों में राज्य को ईवी मैन्युफेक्चरिंग हब (विनिर्माण केंद्र) के रूप में विकसित करना है
राज्य सरकार ने नई ईवी नीति पर एक बयान जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके सामान के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बन जाएगा. नई ईवी नीति से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. बयान में कहा गया है कि नई ईवी पॉलिसी के तहत, सरकार ने पांच साल का लक्ष्य रखा है जिसमें 2027 तक ईवी के रूप में व्यक्तिगत उपयोग या व्यावसायिक इस्तेमाल के तहत वाहनों के 15 प्रतिशत नए रजिस्ट्रेश करने का लक्ष्य है. कॉमर्शियल, नॉन-कॉमर्शियल दोनों के लिए ईवी पॉलिसी
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छत्तीसगढ़ ईवी पॉलिसी कमर्शियल और नॉन-कमर्शियल दोनों वाहनों के लिए लागू होगी. ईवी नीति ने सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स की छूट को मंजूरी दे दी है. इस नीति के आधिकारिक रूप से लागू होने की तारीख से शुरुआती दो वर्षों के दौरान खरीदे गए सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स पर फुल छूट का प्रस्ताव किया गया है. हालांकि, पॉलिसी शुरू होने के दो साल बाद ईवी खरीदने पर खरीदारों को रोड टैक्स में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी. अगर कोई ईवी पॉलिसी के लागू होने के 5 साल बाद इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है तो उसे रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत छूट मिलेगी.
1000 एकड़ जमीन आवंटित करेगी
ईवी पॉलिसी के तहत प्रदेश में ईवी मैन्युफेक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए निवेश का एक चौथाई हिस्सा भी छत्तीसगढ़ सरकार साझा करेगी. यह अनुदान प्लांट और मशीनरी की लागत साझा करने के लिए होगा. राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह ईवी पार्क विकसित करने के लिए 1,000 एकड़ तक भूमि आवंटित करेगी.
राज्य सरकार ने राज्य में चालू किए गए पहले 300 फास्ट चार्जिंग स्टेशनों को चार्जिंग उपकरण/मशीनरी पर चयनित ऊर्जा ऑपरेटरों को 25 प्रतिशत की पूंजी सब्सिडी प्रति स्टेशन अधिकतम 10 लाख रुपये तक प्रदान करेगी.
साल 2027 तक राज्य में ईवी निर्माताओं, बैटरी स्वैपिंग टेक्नॉलॉजी के लिए सरकार एसजीएसटी, रिइंबर्समेंट (प्रतिपूर्ति) की भी पेशकश करेगी. छत्तीसगढ़ में रजिस्टर होने पर इलेक्ट्रिक बस और अन्य इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों की बिक्री पर भी 100 प्रतिशत एसजीएसटी रिइंबर्समेंट होगी. राज्य सरकार सरकारी और निजी भवनों में ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी.
इससे पहले हरियाणा सरकार भी अपनी ईवी पॉलिसी बना चुकी है और ईवी पॉलसी के तहत इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन और उसके पुर्जे बनाने वालों के लिए भी कई तरह की छूट और आर्थिक मदद का प्रावधान किया है. इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी के रिसाइकिल प्लांट लगाने वालों को भी आर्थिक मदद मुहैया कराने का नियम बनाया है.
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