सत्यखबर, चंडीगढ़
चंडीगढ़ में रह रहे किन्नरों के लिए ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाया गया था. जिसके तहत अब सभी किन्नरों को आई कार्ड जारी किए जाएंगे. इसके अलावा उनके लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी. ताकि अगर किसी किन्नर को किस तरह की कोई परेशानी होती है. तो वह प्रशासन से सीधा संपर्क कर सकें. किन्नरों का आई कार्ड बनाने के पीछे मकसद ये है कि चंडीगढ़ में रहने वाले किन्नरों की पहचान की जा सके, ताकि दूसरे शहरों से किन्नर यहां ना पहुंचे।
शारीरिक परीक्षण के आधार पर बनेगा आईडी कार्ड
कई बार दूसरे शहरों से आए किन्नरों की वजह से लड़ाई झगड़ा हो जाता है. साथ ही साथ किन्नरों द्वारा विभिन्न अवसरों पर लोगों से मांगी जाने वाली बधाई भी तय की जाएगी. क्योंकि बधाई की राशि को लेकर भी किन्नरों और लोगों में झगड़े होते रहते हैं. इसके अलावा आई कार्ड द्वारा किन्नरों के साथ गे और अन्य कैटेगरी के लोगों की पहचान भी की जाएगी. जिसके लिए मेडिकल टीम इनका शारीरिक परीक्षण करेगी और उसी के आधार पर आईडी कार्ड बनाया जाएगा।
किन्नरों की समस्याएं हो जाएंगी समाप्त
आपको बता दें कि चंडीगढ़ में कई किन्नर डेरे हैं. जिनमें 200 से ज्यादा ट्रांसजेंडर लोग रह रहे हैं. कई देशों के किन्नर अपने जीवन यापन के लिए चंडीगढ़ में बधाई मांगने का काम करते हैं, लेकिन कई बार बाहरी जगह से आकर भी किन्नर बधाई मांगना शुरू कर देते हैं. जिससे इन लोगों में आपस में झगड़े हो जाते हैं. दूसरी ओर कई बार बधाई के लिए ज्यादा पैसे मांगते हैं और ना मिलने पर लोगों के साथ भी उनके झगड़े होते हैं. किन्नरों का आई कार्ड बनने पर इस तरह की कई समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।
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सहायता के लिए होगा हेल्पलाइन नंबर जारी
अभी तक किन्नरों को महिला एवं बाल विकास का हेल्पलाइन नंबर दिया गया था, लेकिन अब इन्हें अलग से हेल्पलाइन नंबर दिया जाएगा. जिससे अपनी समस्याएं ऐसी प्रशासन तक पहुंचा सकेंगे।
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