सत्यखबर चंडीगढ़ (अशोक छाबड़ा) – हरियाणा में हुए शराब घोटाले पर गृह मंत्री अनिल विज को इनेलो नेता व विधायक अभय सिंह चौटाला का खुला साथ मिला है। अभय चौटाला ने अप्रत्यक्ष रूप से अपने भतीजे आबकारी एवं कराधान मंत्री दुष्यंत चौटाला की ओर संदेह की सुई घुमाई तो साथ ही अनिल विज की दिल खोलकर तारीफ की। अभय ने कहा कि इस शराब घोटाले में बड़े माफिया के तार जुड़े होने की प्रबल आशंका है, जिसे बेनकाब किया जाना बेहद जरूरी है। चाचा अभय चौटाला और भतीजे दुष्यंत चौटाला कई बार आमने-सामने हो चुके हैं। इस बार शराब घोटाले पर एक दूसरे की घेराबंदी में जुड़ गए हैं।
जजपा संयोजक के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को कहा था कि पूर्व विधायक सतविंद्र राणा को पहली नजर में अपराधी नहीं माना जा सकता,क्योंकि एफआइआर दर्ज होना अपराधी होने का पैमाना नहीं है। एफआइआर तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अभय चौटाला के विरुद्ध भी दर्ज हैं। हालांकि दुष्यंत ने यह भी कहा था कि दोषी पाए जाने पर राणा के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। अभय सिंह चौटाला ने जजपा नेता सतविंद्र राणा की गिरफ्तारी पर गृह मंत्री अनिल विज की पीठ ठोंकी। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान शराब की तस्करी का नंगा नाच होने की तह में जाकर दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजना चाहिए।
आश्चर्य की बात है कि गृह मंत्री ने लॉकडाउन के दौरान शराब तस्करी की जांच एसआइटी द्वारा कराने की घोषणा की थी। उन्होंने का कि गृहमंत्री विज की इच्छा थी कि इस टीम की अगुवाई डा. अशोक खेमका करें लेकिन टीसी गुप्ता को इस घोटाले की जांच दे दी गई। सरकार ने जांच के लिए एसआइटी न बनाकर एसइटी बना दी,जिसका दायरा काफी सीमित रखा गया है। यह केवल जांच कर सकती है। अभय चौटाला ने कहा कि इससे लगता है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है।
उन्होंने कहा कि अनिल विज की नीयत और नीतियों में कोई अंतर नहीं है, लेकिन कोई न कोई एक्साइज विभाग में शीर्ष पदों पर बैठे राजनेताओं व अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहा है। एक्साइज विभाग द्वारा अभी तक किसी पुलिस थाने में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं करवाई गई है। उन्होंने कहा कि एसइटी केवल एक अप्रैल से 31 मार्च 2020 के दौरान सोनीपत जिले में शराब की तस्करी की ही जांच करेगी। इस जांच कमेटी के नोटीफिकेशन में फतेहाबाद शराब घोटाले का कहीं भी जिक्र नहीं है। प्रदेश में लॉकडाउन 25 मार्च को लगा और जांच कमेटी का नोटीफिकेशन 11 मई 2020 को हुआ है,इसलिए इसकी जांच 25 मार्च से लेकर 11 मई 2020 तक तमाम हरियाणा में हुई शराब की तस्करी की होनी चाहिए।
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