सत्य खबर,नई दिल्ली
पवित्र अमरनाथ गुफ ा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से जहां 15 लोगों की मौत हो गई,वहीं कई तीर्थयात्री फ ंस गए हैं। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में कम से कम तीन लंगर, सामुदायिक रसोई और 25 यात्री तंबू बह गए है तथा करीब 40 तीर्थयात्री लापता हैं। वहीं प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम राहत-बचाव कार्य में जुट हुई है। वहीं सेना ने शनिवार सुबह से रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर दिया है। जिसमें अब तक 6 लोगों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है।
वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। फिलहाल यात्रा रोक दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक मौसम विभाग की रिपोर्ट और अन्य स्थितियों को देखते हुए यात्रा का फैसला लिया जाएगा ।
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नीलागरर हेलीपैड पर मेडिकल टीमें मौजूद हैं । माउंटेन रेस्क्यू टीम और अन्य दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं । रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सुरक्षाकर्मियों ने दावा किया है कि हालात काबू में हैं और काफी लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है । सुरक्षाबलों का भी कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा । बचाव कार्य में सर्च और रेस्क्यू डॉग को भी लगाया गया है । शरीफाबाद से 2 सर्च और रेस्क्यू डॉग को हेलीकॉप्टर के जरिए पवित्र गुफा में ले जाया गया है । भारतीय सेना भी मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को लेकर सुरक्षित स्थानों और अस्पतालों में भेजा रहा है । सोनमर्ग के बालटाल बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा अस्थाई रूप से स्थगित की गई है । एक श्रद्धालु ने कहा है कि हमें आज के लिए यहां टेंट में रहने के लिए कहा गया है। वहां (अमरनाथ गुफा) मौसम साफ नहीं है। अमरनाथ यात्रा हादसे के स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, कश्मीर ने कर्मचारियों के सभी अवकाश रद्द कर दिए और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है।
सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल स्विच ऑन रखने के निर्देश दिए। सीएमओ गांदरबल डॉ. अफरोजा शाह ने बताया कि फिलहाल सभी घायलों का तीनों बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है। ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी और आसपास की अन्य सुविधाएं ली जा रही हैं। घायल मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है। आईटीबीपी की तरफ से बताया गया कि बाढ़ की वजह से पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश श्रद्धालुओं को पंजतरणी में भेज दिया गया है । आईटीबीपी ने अपने मार्ग खोलकर निचली पवित्र गुफा से पंजतरणी तक बढ़ा दिया है । कोई भी श्रद्धालु ट्रैक पर नहीं रह गया है¥ करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित भेजा गया है।
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