सत्यखबर जाखल (दीपक) – एक तरफ जहां पूरे देश में स्वच्छता मुहिम चलाई जा रही है, वहीं खंड मुख्यालय जाखल में स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह से पस्त है। यहां नपा द्वारा शहर की स्वच्छता के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद सफाई व्यवस्था बदहाल है। शहर में जगह-जगह गंदगी के अंबार लगे हुए हैं।अधिकतर वार्डो में कूड़े का नियमित उठान नहीं हो पा रहा है। नगरवासियों द्वारा शिकायत करने के बाद भी नपा अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही है। स्थानीय लोगों द्वारा नपा अफसरों व ठेकेदार की सांठगांठ की आशंका व्यक्त की जा रही है।
चूंकि आला अफसरों के दयावान रवैए का फायदा उठा रहा ठेकेदार बेखौफ होकर अपनी मनमानी पर उतारू है। लोगों का आरोप है कि शहर में सरकार द्वारा दी जा रही राशि का नपा प्रशासन द्वारा जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। विदित हो कि बीते महीनों शहर की सफाई हेतु नपा द्वारा 3.19 लाख रुपए प्रतिमाह से निविदा जारी किया गया है। उस दौरान प्रशासन द्वारा स्वच्छता को लेकर विभिन्न हिदायतें व शर्तें लागूकर ठेकेदार से एग्रीमेंट किया था। अपितु अब ठेकेदार नपा अधिकारियों के आशीर्वाद से ही प्रशासन की शर्तो के नियमों को दरकिनार कर शरेआम ठेंगा दिखा रहा हैं। नियमों के मुताबिक न तो सफाई कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त है, और न ही पर्याप्त वाहन है।
शहर के दक्षिण हिस्से के सात वार्डो जिनमें वार्ड संख्या 1, 2, 3, 4, 5 और 12 व 13 वार्डो की सफाई नपा ठेकेदार के माध्यम से कराती है। जाखल को नगरपालिका का दर्जा घोषित होने के बाद पहली बार नपा द्वारा शहर को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से स्वच्छता हेतु ठेकेदार को निविदा जारी किया है। परंतु प्रतिमाह लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद नपा अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण रवैये से ठेकेदार की मनमानी से शहर की स्वच्छता को ग्रहण लग रहा है। मौजूदा स्थिति ये है कि शहर के सातों वार्डो की सफाई व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह से पस्त हो गई है। यहां मुख्य सड़क के अगल-बगल में तो ठेकेदार के सफाई कर्मचारी पहुंचकर झाडू लगाकर सफाई कर देते हैं, परंतु गलियों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है।
नगरपालिका द्वारा लाखों रुपए खर्च कर नगर की सफाई के लिए निविदा जारी करने के बाद भी स्वच्छता व्यवस्था फेल नज़र आ रही है। नियमानुसार सफाई कर्मियों द्वारा दिन में दो बार सुबह शाम डोर टू डोर कूड़ा उठाव करना आवश्यक है, किंतु कर्मचारी इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। शहर में कई जगह ऐसी है, यहां से ठेकेदार के सफाई कर्मचारी कई कई दिन कूड़े का उठान नहीं कर रहे हैं। इससे नगरवासियों में नपा के प्रति रोष बढ़ रहा है। स्थानीय वासियों ने ठेकेदार को प्रतिमाह लाखों रुपए भारी-भरकम रकम देने पर भी सवाल खड़े किए हैं।
शहरवासियों ने पालिका प्रशासन से ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाने की मांग की है।
शहर में सफाई कर्मचारी बिना वर्दी के ही सफाई करते नज़र आते हैं। हालांकि नियमानुसार सफाई कर्मचारियों को वर्दी में होना आवश्यक है, परंतु इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस बारे में सफाई कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके ठेकेदार द्वारा उन्हें वर्दी उपलब्ध नहीं कराई गई है। यदि ठेकेदार वर्दी मुहैया कराता है तो उन्हें वर्दी पहनने में क्या दिक्कत है।
अस्थाई जगह पर डंप कर रहे नगर का कूड़ा
सबसे खास बात ये है कि नगर का कूड़ा डंप करने के लिए शहर में स्थाई डंपिंग सेंटर नहीं है। नगरवासियों ने बताया कि कूड़े से भरे वाहनों को ठेकेदार के सफाई कर्मी शहर के इर्द गिर्द गिरा रहें हैं। उन्होंने बताया कि गत कई महीनों से नगर का कूड़ा- करकट स्थानीय चंडीगड़ रोड पर एक राइस मिल के साथ खाली पड़ी जगह में डंप किया जा रहा है। इससे यहां कूड़े के अंबार लगें है। कूड़े के ढेर से उठ रही दुर्गध से आसपास में रहने वाले लोगों के साथ ही आने जाने वालों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यदि यहीं स्थिति रहीं तो शहर में कभी भी संक्रामक बीमारी फैल सकती है। इस बात की जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि आला अफसर जवाबदेही करने में अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं।
क्या कहते है अधिकारी
जब इस बारे में पंकज गुज्जर से बात की तो उन्होंने बताया की शहर में कोई जगह न होने की बजह से कूड़ा करकट बहा गिराया जा रहा है इसकी प्रपोजल बना कर चंडीगढ़ मुख्यालय में भेजी जाए गई जल्द ही नई जगह लेकर इस समस्या से राहत दिलबाई जाए गई।
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