सत्य खबर, नई दिल्ली
देश में कोयले की उपलब्धता की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यदि जल्द से जल्द सुधार नहीं किया गया तो शायद भारत में लोगों को बिजली के भयानक संकट से जूझना पड़ सकता है । इस वक्त पूरा देश कोयले की कमी से परेशान है । खासकर बिजली कंपनियां कोयले की कम आपूर्ति की वजह से भयानक संकट से जूझ रही हैं । यदि समय रहते इस संक्ट से पार नहीं पाया गया तो आपके घरों की बत्ती भी जल्द ही गुल हो सकती है।
ऊर्जा मंत्रालय ने बताई ये वजहें
भारत के ऊर्जा मंत्रालय ने देश में बिजली संकट गहराने के पीछे कुछ वजहें बताई हैं। मंत्रालय ने कहा कि कोयले के उत्पादन, कोयले के आयात में आ रही दिक्कतें, कोयले की कीमत बढ़ना, मॉनसून की वजह से प्रभावित होना, ट्रांसपोर्टेशन की दिक्कत समेत कई समस्याएं सामने आ रही हैं और इन सभी वजहों से देश में बिजली संकट गहरा सकता है. इसके साथ ही देश में कोरोना काल के दौरान जरूरत से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल हुआ था । इसके साथ ही पहले के मुताबिक अब बिजली की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है। बिजली संकट की एक वजह ये भी हो सकती है।
देश में कोयले की उपलब्धता की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यदि जल्द से जल्द सुधार नहीं किया गया तो शायद भारत में लोगों को बिजली के भयानक संकट से जूझना पड़ सकता है। इस वक्त पूरा देश कोयले की कमी से परेशान है । खासकर बिजली कंपनियां कोयले की कम आपूर्ति की वजह से भयानक संकट से जूझ रही हैं । यदि समय रहते इस संक्ट से पार नहीं पाया गया तो आपके घरों की बत्ती भी जल्द ही गुल हो सकती है।
ऊर्जा मंत्रालय ने बताई ये वजहें
भारत के ऊर्जा मंत्रालय ने देश में बिजली संकट गहराने के पीछे कुछ वजहें बताई हैं । मंत्रालय ने कहा कि कोयले के उत्पादन, कोयले के आयात में आ रही दिक्कतें, कोयले की कीमत बढ़ना, मॉनसून की वजह से प्रभावित होना, ट्रांसपोर्टेशन की दिक्कत समेत कई समस्याएं सामने आ रही हैं और इन सभी वजहों से देश में बिजली संकट गहरा सकता है । इसके साथ ही देश में कोरोना काल के दौरान जरूरत से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल हुआ था । इसके साथ ही पहले के मुताबिक अब बिजली की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है । बिजली संकट की एक वजह ये भी हो सकती है ।
देश में कोयले की उपलब्धता की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यदि जल्द से जल्द सुधार नहीं किया गया तो शायद भारत में लोगों को बिजली के भयानक संकट से जूझना पड़ सकता है । इस वक्त पूरा देश कोयले की कमी से परेशान है । खासकर बिजली कंपनियां कोयले की कम आपूर्ति की वजह से भयानक संकट से जूझ रही हैं । यदि समय रहते इस संक्ट से पार नहीं पाया गया तो आपके घरों की बत्ती भी जल्द ही गुल हो सकती है।
ऊर्जा मंत्रालय ने बताई ये वजहें
भारत के ऊर्जा मंत्रालय ने देश में बिजली संकट गहराने के पीछे कुछ वजहें बताई हैं । मंत्रालय ने कहा कि कोयले के उत्पादन, कोयले के आयात में आ रही दिक्कतें, कोयले की कीमत बढ़ना, मॉनसून की वजह से प्रभावित होना, ट्रांसपोर्टेशन की दिक्कत समेत कई समस्याएं सामने आ रही हैं और इन सभी वजहों से देश में बिजली संकट गहरा सकता है । इसके साथ ही देश में कोरोना काल के दौरान जरूरत से ज्यादा बिजली का इस्तेमाल हुआ था । इसके साथ ही पहले के मुताबिक अब बिजली की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है । बिजली संकट की एक वजह ये भी हो सकती है ।
भारत के पावर प्लांट में कोयला स्टॉक का संकट
दुनियाभर में कोयले की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए देश में बिजली संकट गहरा सकता है । बिजली उत्पादन को लेकर पावर प्लांट की मॉनिटरिंग की गई तो मालूम चला कि देश के 135 पावर प्लांट में 72 पावर प्लांट में अब सिर्फ 3 दिन से भी कम समय का कोयला बचा है । इसके अलावा 50 प्लांट में अब 4 से 10 दिन का कोयला ही बचा है। जबकि, 13 प्लांट में 10 दिन से ज्यादा का कोयला बचा है. बता दें कि देश में चलने वाले सभी पावर प्लांट्स में से 70 फीसदी पावर प्लांट में कोयले का ही इस्तेमाल होता है । रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने सितंबर में देश में कोयले से चलने वाले 135 पावर प्लांट्स में से 16 प्लांट में कोयले का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो चुका था ।
ब्रिटेन के 90 फीसदी पेट्रोल पंप पर खत्म हुआ स्टॉक
बताते चलें कि एक तरफ बड़े-बड़े उद्योग लगातार कोयले की मांग बढ़ा रहे हैं और दूसरी तरफ कोयले के दाम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में काफी ऊंचे होते जा रहे हैं । कोयले की इस कीमत को देखते हुए आयात में गिरावट आना भी तय है । आपको जानकर हैरानी होगा कि अभी यूरोप में सर्दियां नहीं आई हैं और उससे पहले ही वहां बिजली के दाम में बढ़ोतरी होने लगी है. जहां भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन में ईंधन का संकट भी गहराता जा रहा है । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन के 90 फीसदी पेट्रोल पंपों पर स्टॉक ही उपलब्ध नहीं है । इतना ही नहीं, चीन में तो बिजली के इस्तेमाल पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा दी गई हैं ।
कोरोना काल में बिजली की खपत बढ़ी
भारत में प्रतिदिन 4 बिलियन यूनिट बिजली की डिमांड है. देश में कुल बिजली उत्पादन का 65 से 70 फीसदी हिस्सा कोयले से होता है. भारत में साल 2019 में 106 बिलियन यूनिट बिजली की डिमांड थी जो कोविड के दौरान बढ़कर 124 बिलियन यूनिट प्रति महीना हो चुकी है । इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों के पास कोयला कंपनियों का मोटा बकाया है ।
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