सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
आर्य कन्या महाविद्यालय नरवाना की प्राचार्या उषा मित्तल का कहना है कि कोरोना वायरस विश्व के लिए आत्म मंथन और चिंतन का समय है। वर्तमान समय में आई यह आफत भौतिकवादी, उपभोगवादी, समाज के खोखलेपन की ओर इशारा करती है। यह आपदा वायरस जनित नहीं, बल्कि मानव जनित है। जब इस चुनौती से पार पा लिया जायेगा, तो पूरे विश्व को यह सोचना पडेगा कि सहयोग और शांति के बिना मानव अस्तित्व संभव नहीं है। सद्भावपूर्ण रवैये से ही भविष्य में आने वाली समस्याओं से निपटा जा सकता है।
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