सेवा अधिकार के तहत 546 सेवाएं अधिसूचित, संख्या को विस्तार देने का किया जा रहा प्रयास
निर्धारित अवधि में काम न करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना लगाने का है प्रावधान
सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: हरियाणा राज्य सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार व राज्य सेवा अधिकार आयोग का मुख्य ध्येय आम जनमानस तक सरकारी सेवाओं तथा योजनाओं का पूर्ण लाभ समयबद्ध अवधि में पहुंचाना है। सरकारी सेवाओं का लाभ मिलने में लोगों को कोई परेशानी न हो और विभागीय कार्य सुगम व पारदर्शी तरीके से हो। सेवा अधिकार के तहत योजनाओं का समयबद्ध अवधि में लाभ न पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने के साथ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ये निर्देश मुख्य आयुक्त ने चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हाल में सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत आयोजित अधिकारियों की बैठक में दिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक वसीम अकरम, अतिरिक्त उपायुक्त साहिल गुप्ता, सफीदों के एसडीएम आनंद कुमार शर्मा, जींद के एसडीएम दलबीर सिंह, नरवाना के एसडीएम सुरेन्द्र सिंह, उचाना के एसडीएम राजेश कोथ, एसीयुटी दीपक करवा, जिला नगर आयुक्त संजय बिश्नोई, जिला परिषद की सीईओ डॉ. किरण सिंह, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी आर के चान्दना, डीएसपी पुष्पा खत्री, मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी साकेत शुभ सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि 31 विभागों की 546 सेवाओं को सूचीबद्ध किया गया है जिनमें से 277 सेवाएं ऑनलाइन हैं। आवश्यकता अनुसार अन्य सेवाओं को भी ऑनलाइन कर सेवा अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सेवाओं की प्राप्ति में लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। निर्धारित समय सीमा में लोगों को इन सेवाओं का लाभ मिलना चाहिए। इसकी उल्लंघन करने वाले अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसलिए अधिकारी पूर्ण ईमानदारी, समर्पण, निष्ठा व कर्मठता के साथ जनता की सेवा करें। इस कार्य में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल मेें लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार आयोग का गठन ही आम लोगों की सुविधा व समस्याओं के समाधान के लिए किया गया है। कुछ सेवाओं में प्रथम अपीलीय अधिकारी उपायुक्त तथा अतिरिक्त उपायुक्त और एसडीएम होते हैं, जिन्हें स्वयं भी जुर्माना लगाने की शक्ति प्राप्त है। इस प्रकार से मुख्य उद्देश्य आम जनता की समस्याओं का निवारण ही प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध तरीके से लोगों को सेवाओं का लाभ प्रदान करें। आवेदनों को ठोस कारण के बिना रद्द किये जाने पर भी कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। इसलिए अधिकारी आवेदनों को रद्द करने की आदत को भी बदलें। इस दौरान उन्होंने विस्तार से विभिन्न विभागों द्वारा सेवा अधिकार के तहत दी जा रही सेवाओं की संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। इनमें कृषि विभाग, हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड, वेलफेयर ऑफ एससी-बीसी, एचएसवीपी, स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आदि विशेष रूप से शामिल थे। उन्होंने इन विभागों के अधिकारियों को सुधार के लिए कड़े निर्देश दिए।
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उन्होंने कहा कि 1० में से 9.5 से अधिक स्कोर हो और फीडबैक में 5 में से 4 अंक होने चाहिए। इसके लिए विभाग गंभीरता से कार्य करें। इस दौरान नागरिकों ने भी समस्याएं प्रस्तुत करने के साथ-साथ अपने सुझाव भी रखे। मुख्य आयुक्त ने इस दौरान नागरिकों से फीडबैक भी लिया और समस्याओं के समाधान के लिए मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने जिला भर से आए समाज सेवी संगठनों, एनजीओ एवं अन्य प्रबुद्ध नागरिकों से संवाद स्थापित किया व सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं/ योजनाओं का फीडबैक भी लिया।
उपायुक्त नरेश नरवाल ने मुख्य आयुक्त का स्वागत करते हुए कहा कि यदि सेवा अधिकार अधिनियम को एक वाक्य में परिभाषित किया जाए तो इसका मतलब होगा कि आज का काम कल पर न छोड़ें। उन्होंने आमजन का समय पर काम होने से न केवल विभाग के प्रति विश्वसनीयता बढ़ती है, बल्कि संबंधित अधिकारी व कर्मचारी की भी आमजन के बीच बेहतर छवि बनती है। इसलिए अधिकारी सेवा अधिकार के दायरे की समयसीमा में आमजन के कार्य करें, ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक मिल सके। उन्होंने कहा कि सेवा अधिकार अधिनियम के प्रति आमजन में जागरूकता बढ़े और विभाग भी इसकी बारीकियों से अवगत हों, इसके लिए वर्कशॉप लगाई जाएंगी। उन्होंने मुख्य आयुक्त को भरोसा दिलाया कि सेवा अधिकार के तहत जो भी दिशा-निर्देश होंगे, उनकी प्रभावी रूप से पालना करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि सेवा का अधिकार आमजन के जीवन के सभी पहलुओं को छूता है। इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य यही है कि आमजन को सरकार की योजनाओं का लाभ पारदर्शिता, सुगमता व समबद्घता के साथ मिले। उन्होंने कहा कि जिला में प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है कि सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता व धरातल स्तर पर हो और पात्र व्यक्ति को इनका लाभ मिले। उन्होंने आयोग के मुख्य आयुक्त को भरोसा दिया कि वे सभी दिशा-निर्देशों की पूर्ण अनुपालना करवाएंगे और जिला की रैंकिंग में निश्चित रूप से सुधार लाया जाएगा। इस अवसर पर आयोग की सचिव श्रीमती मिनाक्षी राज ने भी अधिकारियों को सम्बोधित किया और कहा कि वे अपने विवेक का उपयोग करते हुए नागरिकों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं/कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समयबद्ध तरीके से उपलब्ध करवाएं, जिससे स्वस्थ समाज व कल्याणकारी राज्य का सपना साकार हो सके।
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