सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान)। विधायक शैली चौधरी ने विधानसभा क्षेत्र नारायणगढ़ के कुराली, आबुपुर, बख्तुआ, भरेड़ी, भरेड़ी कलां, नेकनावां व बधौली गांवो का दौरा कर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी व अधिकारियों को समस्याओं का समाधान करने के लिए कहा। सभी गांवों में विधायक का ग्रामीणों द्वारा जारेदार स्वागत किया गया। ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए विधायक शैली चौधरी ने कहा कि रबी की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सरकार द्वारा की गई बढ़ौतरी नाकाफी है। सरकार द्वारा एमएसपी में की बढौतरी फसल की लागत मूल्य के मुकाबले कुछ भी नहीं है। किसानों को फसलों का दोगुना रेट दिलवाने का नारा देने वाली भाजपा सरकार किसानों का शोषण कर रही है। डीजल, खाद व कीटनाशकों के रेट बढने के कारण किसानों की फसल पर लागत लगातार बढती जा रही है। ऐसे में कृषि घाटे का सौदा बन चुकी है। विधायक ने कहा कि गन्ने के दाम में मात्र 12 रुपये प्रति की वृद्धि भी बहुत कम है। हरियाणा सरकार ने गन्ने के दाम बढाने का निर्णय भी पंजाब सरकार द्वारा रेट बढाने के बाद लिया गया है। उन्होंने सरकार से गेंहू, गन्ने व धान के मूल्यों में वृद्धि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट व लागत के आधार पर तय करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पिछले कईं वर्षों से नारायणगढ़ शुगर मिल को बंद करने की साजिश रच रही थी। विधायक ने कहा कि सरकार द्वारा आगामी पिराई सत्र से शुगर मिल को बंद करने का निर्णय किसान विरोधी है। कांग्रेस के शासनकाल में किसानों को गन्ने की पेमेंट में कभी भी कोई समस्या नहीं आने दी गई जबकि पिछले सात वर्षों से किसान पेमेंट लेने के लिए धरने प्रदर्शन कर रहे हैं फिर भी किसानों का करोड़ों रूपया शुगर मिल की ओर बकाया है। सरकार को किसानों की बकाया पेमेंट जल्द दिलवानी चाहिये और मिल को बंद नहीं करना चाहिये। कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ मिलकर शुगर मिल को चलवाने के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा कि करनाल प्रकरण के लिए प्रदेश की गठबंधन सरकार जिम्मेदार है। सरकार के इशारे पर किसानों के सिर फोड़े गए और एक किसान की मौत भी हो गई लेकिन सरकार के मुखिया व गृह मंत्री एक दोषी अधिकारी को बचाने के लिए हठधर्मिता पर अड़े हैं। सरकार को करनाल प्रकरण के 5 दिन बाद किसानों की मांगों के आगे घुटने टेकने पड़े। उन्होंने कहा कि किसानों की एकता व जायज मांगो के समर्थन में जुटे लोगों ने सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। इस अवसर पर विरेन्द्र सिंह गुज्जर, गुरमिन्द्र बेरखेड़ी, संदीप नखडौली, मुल्ख राज, माम चंद शर्मा, रविन्द्र बरौली, मदन लाल व श्याम लाल आबुपुर सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
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