सत्य खबर
इंडियन एयरफोर्स 14 और 16 अप्रैल को अंडमान में ब्रह्मोस मिसाइल का टेस्ट करने वाली है। हिंद महासागर क्षेत्र में होने वाले इस टेस्ट को काफी अहम करार दिया जा रहा है। इस बाबत नोटिस टू एयरमैन जारी कर दिया गया है।नौ-टैम नोटिस यानी फ्लाइट ऑपरेशंस से जुड़े लोगों को दी जाने वाली अहम और जरूरी जानकारी।
किसी भी टेस्ट या जरूरी प्रोजेक्ट से पहले एडवांस में यह जानकारी इश्यू की जाती है। ब्रह्मोस दुनिया की इकलौती मिसाइल है जिसे जमीन, हवा और पानी तीनों ही जगहों से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस-2 को इस समय भारत के सबसे खतरनाक हथियारों में रखा गया है। 9800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हमला करने वाली यह मिसाइल 1000 किलोमीटर की दूरी पर बैठे दुश्मन को कुछ सेकेंड्स में ही खत्म कर सकती है।
ब्रह्मोस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी वॉरशिप, पनडुब्बी, फाइटर जेट या फिर मोबाइल लॉन्चर की मदद से आसानी से फायर की जा सकती है। ब्रह्मोस को पहली बार 12 जून 2001 में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से लांच किया गया। 12 जून 2004 को इस मिसाइल को एक मोबाइल लांचर के जरिए लांच किया गया। ब्रह्मोस इंडियन एयरफोर्स के फाइटर जेट सुखोई में भी फिट हो गई है। इसके साथ ही आईएएफ और ज्यादा खतरनाक हो गई है।
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