सत्य खबर, नई दिल्ली
अब सरकारी बैंकों के प्रदर्शन के आधार पर उनके कमर्चारियों को फायदा मिलने वाला है। नवंबर 2020 में कर्मचारियों के परफॉरमेंस .लिंक्ड कम्पोनेन्ट के लिए इंडियन बैंक एसोसिएशन के साथ एक सहमति पर हस्ताक्षर हुआ था। इसी के तहत कर्मचारियों को बैंक के प्रदर्शन के आधार पर इन्सेन्टिव्स भी मिलता है।
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इसी सप्ताह केनरा बैंक ने अपने कर्मचारियों को इन्सेन्टिव के तौर पर 15 दिन का पेमेंट जारी किया है। बैंक ने यह पेमेंट फाइनेंशियल रिजल्ट जारी करने के बाद किया है। वित्त वर्ष 2021 के दौरान केनरा बैंक को कुल 2557 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। इसके पिछले वित्त वर्ष में बैंक को 5838 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
वहीं बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 165 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। इस बैंक का मुनाफा 187 फीसदी तक बढ़ा है। पुणे हेडक्वॉर्टर वाले इस बैंक ने भी अपने कर्मचयारियों को परफॉरमेंस .लिंक्ड इन्सेन्टिव जारी कर दिया है।
वहीं अब उम्मीद है कि देश के सबसे बड़े बैंक यानी भारतीय स्टेट बैंक का वित्तीय नतीजा भी साकारात्मक रहने वाला है। एसबीआई में कुल 2.5 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। ब्रोकेरेज फ मर््स का अनुमान है कि एसबीआई का मुनाफा 82 फीसदी तक बढऩे वाला है। जिसके बाद इसके कर्मचारियों को भी इन्सेन्टिव मिल सकता है।
जानिए कैसे तय होता है इन्सेन्टिव
वेज सहमति के तहत अगर किसी बैंक का मुनाफा 5 से 10 फीसदी के बीच रहता है तो कर्मचारियों को इन्सेन्टिव के तौर पर 5 दिन की सैलरी मिलती है। अगर 10 से 15 फीसदी मुनाफा है तो कर्मचारियों को 10 दिन की सैलरी मिलेगी। वहीं 15 फीसदी से अधिक मुनाफे पर कर्मचारियों को 15 दिन की सैलरी इन्सेन्टिव के तौर पर मिलेगी। यह सुविधा सभी रैंक और पद के कर्मचारियों को मिलती है।
वहीं इस मामले में बैंक यूनियनों ने कर्मचारियों के इन्सेन्टिव्स को बैंक के प्रदर्शन के आधार पर लिंक करने का विरोध किया था। उनका मानना है कि इन सरकारी बैंकों का प्रदर्शन बहुत हद तक केंद्र सरकार की नीतियों पर निर्भर रहता है। इसपर कर्मचारियों का कोई कंट्रोल नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा बैंकों के इतने बड़े नुकसान की एक वजह बड़े कॉरपोरेट लोन्स भी हैं। जिनका फैसला टॉप लेवल पर लिया जाता है।
हालांकि आईबीए ने अच्छे प्रदर्शन करने वाले बैंकों को लेकर इस पर जोर दिया था ताकि पब्लिक सेक्टर बैंकों के कर्मचारियों में प्रतिस्पर्धा विकसित की जा सके।
ज्यादातर बैंकों का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद
उल्लेखनीय है कि कोरोन महामारी के बावजूद भी उम्मीद है कि पिछले साल की तुलना में अधिकतर पब्लिक सेक्टर बैंकों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि जब तक लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लगाए गए तब तक इन बैकों ने वित्त वर्ष 2020 के लिए अपने नतीजे लगभग तैयार कर लिए थे।
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