सत्यखबर, इस्लामाबाद
क्या पाकिस्तान में सेना ने तय कर लिया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान की बघिया उधेड़ देनी है और क्या पाकिस्तान में इमरान सरकार की तख्तापलट की तैयारी सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने शुरू कर दी है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि इमरान खान ने सात पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद उस तहरीक-ए-लब्बैक के साथ समझौता कर लिया है, जिस पर खुद इमरान खान ने प्रतिबंध लगा दिया था और सबसे दिलचस्प बात ये है कि, तहरीक-ए-लब्बैक के साथ समझौता करने के लिए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को भेजा गया था, जिसपर पाकिस्तान में सवाल उठ रहे हैं कि, देश के अंदर के मामलो में आखिर विदेश मंत्री का क्या काम था और दूसरा सवाल ये…कि क्या शाह महमूद कुरैशी को वार्ता में भेजकर क्या सेना ने इमरान खान को संकेत दे दिया है?
‘पिंकी पिड़नी’ का काला जादू बेअसर इमरान खान की बीवी, जिन्हें पाकिस्तान में बुशरा बीवी और पिंकी पिड़नी के नाम से जाना जाता है, उनकी काला जादू ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा को इस कदर नाराज कर दिया है, कि वो अब एक मिनट भी इमरान खान को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि, इमरान खान के खिलाफ ‘फॉरेन फंडिंग’ का केस कभी भी खुल सकता है। भारत के डिफेंस एक्सपर्ट और रिटायर्ट मेजर गौरव आर्या ने कहा कि, सेना प्रमुख और इमरान खान के बीच की ये लड़ाई अफगानिस्तान में तालिबान राज स्थापित होने के बाद तब शुरू हुई, जब तत्कालीन आईएसआई चीफ फैज हमीद बिना सेना प्रमुख जनरल बाजवा को बताए काबुल पहुंच गये और माना जाता है कि, आईएसआईए चीफ का काबुल दौरा इमरान खान के ईशारे पर था, लेकिन इस घटना के बाद सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने आईएसआई चीफ फैज हमीद का ट्रांसफर कर दिया और आईएसआई के पद से हटाते हुए नदीम अहम अंजुम को नया आईएसआई चीफ नियुक्त कर दिया, जिसे इमरान खान ने अपनी प्रतिष्ठा पर ले लिया।
इमरान खान बनाम सेना प्रमुख बाजवा पाकिस्तान में ऐसा नियम है कि, आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री दफ्तर से होती है और सेना प्रमुख ने बिना इमरान खान को बताए आईएसआई प्रमुख फैज हमीद को हटा दिया और उनकी जगह पर नदीम अंजुम को नया आईएसआई प्रमुख बनाने का ऐलान कर दिया। मेजर गौरव आर्या के मुताबिक, इमरान खान ने उनके फाइल पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया और सेना प्रमुख को कहा कि, नियमों के मुताबिक वो आईएसआई चीफ की नियुक्ति के लिए तीन नाम भेजे। जिसके बाद पाकिस्तान की राजनीति में बवाल मच गया, लेकिन उसके बाद भी सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री इमरान खान को तीन नाम नहीं भेजे और आईएसआई चीफ की नियुक्त पर करीब 15 दिनों तक बवाल चलता रहा।
इमरान की बीवी का काला जादू? मेजर गौरव आर्या ने ‘डिफेंसिल ऑफेंस’ से बात करते हुए कहा कि, पाकिस्तान के डीप स्टेट में ऐसी चर्चा है कि, इमरान खान की बीवी बुशरा बीवी, जो काला जादू जानने का दावा करती हैं, उन्होंने इमरान खान से कहा था कि, जब तक चंद्रग्रहण नहीं हो जाए, तब तक उन्हें आईएसआई प्रमुख वाली फाइल पर दस्तखत नहीं करनी चाहिए और कई पाकिस्तानी पत्रकारों का कहना है कि, इसी वजह से इमरान खान ने फाइल पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया और सेना प्रमुख को संदेश दिया कि, वो 20 नवंबर को चंद्रग्रहण के बाद फाइल पर दस्तखत कर देंगे। इसके साथ ही पाकिस्तानी मीडिया में एक रिपोर्ट आई, कि इमरान खान की बीवी बुशरा बीवी ऊर्फ पिंकी पिड़नी ने काला जादू के सहारे सेना प्रमुख जनरल बाजवा को मारने की कोशिश भी की और सेना ने पांच तांत्रिकों को गिरफ्तार भी किया, जो एक गुड़िया में सूई चुभो रहे थे। इस वाकये ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख के गुस्से को भयंकर कर दिया।
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काम नहीं आया काला जादू! रिपोर्ट के मुताबिक, गुस्साए बाजवा ने की जब इमरान खान के साथ बैठक हुई, तो उन्होंने साफ कह दिया कि, अगर अब इमरान खान ने अपनी ‘औकात’ से बाहर जाने की कोशिश की, तो उनका अंजाम ठीक नहीं होगा। पाकिस्तान में ऐसी कहावत है, कि जो भी शख्स प्रधानमंत्री बनता है, वो तीसरे साल में आते-आते खुद को वास्तव का प्रधानमंत्री मानने लगता है और पाकिस्तानी फौज को हुक्म देने की कोशिश करने लगता है और फिर चौथे साल आते-आते या तो फौज सत्ता पर कब्जा कर लेती है, या फिर उस प्रधानमंत्री को धक्के मारकर कुर्सी से हटा दिया जाता है। इसीलिए, आज तक पाकिस्तान में एक भी प्रधानमंत्री ने अपने पांच साल पूरे नहीं किए हैं और ये पाकिस्तान में लोकतंत्र के स्तर को दिखाता है। खैर, अब इमरान खान के साथ भी यही होने वाला है, क्योंकि इमरान खान ने पिछले दो महीने में फौज को कई बार घेरने की कोशिश की है और दूसरी तरफ ऐसा कहा जा रहा है कि, सेना ने इमरान खान की फिल्डिंग जमाने के लिए दो काम किए हैं।
तहरीक-ए-लब्बैक का अचानक आंदोलन पिछले कई महीनों से तहरीक-ए-लब्बैक के लोग आराम से अपना काम कर रहे थे और आंदोलन पूरी तरह से खत्म हो गया था, लेकिन फौज से जब इमरान खान झगड़ने लगे, तो अचानक तहरीक-ए-लब्बैक के हजारों कार्यकर्ता राजधानी घेरने निकल पड़े। कई पाकिस्तानी पत्रकारों का मानना है कि, इसके पीछे जनरल बाजवा का ही ईशारा है। दूसरी तरफ, कई पाकिस्तानी पत्रकार दबी जुबान कह रहे हैं कि, जब इमरान खान ने जनरल बाजवा से कहा कि, वो तहरीक-ए-लब्बैक को रोकने के लिए फौज उतारे, तो जनरल बाजवा ने उन्हें लिखकर देने के लिए कहा। बाजवा ने इमरान खान से कहा कि अगर फौज सड़क पर आती है, तो हथियार के साथ आएगी और अगर हथियार के साथ आएगी, तो गोलियां भी चलेंगी और गोलिया चलेंगी तो लोग भी मरेंगे और लोग मरेंगे, तो इमरान खान लिखकर दें, कि वो तमाम बातों की जिम्मेदारी लेंगे। बाजवा से ऐसी बातें सुनकर इमरान खान की पतलून गिली हो गई और उन्होंने फौज से मदद लेने से इनकार कर दिया और तहरीक-ए-लब्बैक को बातचीत और समझौते का ऑफर दे दिया।
शाह महमूद कुरैशी की एंट्री इमरान खान ने जब तहरीक-ए-लब्बैक को समझौते का ऑफर दिया, तो तहरीक-ए-लब्बैक की तरफ से कहा गया कि, बैठक में शाह महमूद कुरैशी भी शामिल हों। अब ऐसा माना जा रहा है कि, बाजवा के इशारे पर ही शाह महमूद को बैठक में शामिल रखने की मांग तहरीक-ए-लब्बैक की तरफ से की गई और कई पाकिस्तानी पत्रकारों का मानना है कि, शाह महमूद कुरैशी को बैठक में शामिल करने का मतलब ये है, कि सेना ने शांति के साथ इमरान खान को संदेश दे दिया है, कि उनके लिए आगे का रास्ता क्या होने वाला है और अब पाकिस्तान में ऐसी चर्चा है कि, इमरान खान के खिलाफ सेना अपनी आखिरी चाल भी चलने वाली है और वो चाल है, सुप्रीम कोर्ट में फॉरेन फंडिंग की फाइल फिर से खोलना।
इमरान खान पर फॉरेन फंडिंग का आरोप इमरान खान जब विपक्ष में थे, उस वक्त उनके खिलाफ फॉरेन फंडिंग को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। लेकिन, फौज के कहने पर पिछले चार सालों से फाइल बंद है, क्योंकि फौज ने इमरान खान को प्रधानमंत्री बनाने के लिए फाइल पर सुनवाई रूकवा दी थी। इस केस के मुताबिक, इमरान खान पर भारत और इजरायल से करोड़ों रुपये चंदा लेने का आरोप है। ऐसा आरोप है कि, अस्पताल बनवाने के लिए इमरान खान ने भारत के कई ‘गुप्त’ लोगों से करोड़ों रुपये लिए थे और कई इजरायली कंपनियों ने भी इमरान खान को करोड़ों रुपये दिए थे, लिहाजा अब कहा जा रहा है कि, सेना के ईशारे पर सुप्रीम कोर्ट में कभी भी फाइल पर फिर से सुनवाई शुरू हो सकती है और फाइल खुलने के साथ ही इमरान खान का काम तमाम हो जाएगा।
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