सत्य खबर, चण्डीगढ़
हिन्दू धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है। यह महिलाओं के सजने संवरने और खुशियां मनाने का दिन होता है। सावन मास के शुल्क पक्ष की तृतीय को हर साल हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता हैं। यह मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा,राज्यस्थान व दिल्ली में मनाया जाता हैं। तीज पर महिलाएं अपने पति के दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए व्रत करती हैं। भगवान शिव और पार्वती जैसा वैवाहिक जीवन प्राप्त करने के लिए यह व्रत रखा जाता हैं। इस बार 31 जुलाई को हरियाली तीज मनाई जाएगी। स्वाति ज्योतिष केंद्र के संचालक पंडित बलराज कौशिक के अनुसार महिलाएं तीज की पूजा से पहले सजती हैं और 16 श्रृंगार करती हैं। भगवान से सदा सुहागन रहने की कामना करती हैं अखंड सौभाग्य के लिए किए जाने वाले इस व्रत में महिलाएं मां पार्वती को चढ़ाया जाता हैं।
इसमें चूड़ी, सिंदूर, कंगन, चुनरी, साड़ी और मेहंदी शामिल होता है। इन सामग्री को अर्पित करने के बाद महिलाएं माता पार्वती से अखंड सौभाग्य का वरदान मांगती हैं। पंडित बलराज कौशिक ने बताया कई स्थानों पर महिलाएं इस दिन अपने मायके जाती हैं। इस दिन झूला झूलने का भी प्रचलन है। इस दिन कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। सावन में मेंहदी लगाती हैं सावन में मेंहदी लगाने से अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती हैं। यह त्योहार सावन में मनाया जाता हैं और सावन में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली होती हैं इसलिए इस त्योहार को हरियाली तीज कहा जाता हैं हरियाली तीज के दिन नदियों , वृक्ष और जल के देवता वरुण देव की भी उपासना इसी दिन की जाती हैं।
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