सत्य खबर, नई दिल्ली
राजस्थान में पारा चढ़ता जा रहा और शराब की दुकानों पर बीयर खत्म हो रही। इस वक्त पूरा प्रदेश बीयर की कम आपूर्ति की समस्या से जूझ रहा है जबकि भीषण गर्मी में बीयर की मांग काफी बढ़ी हुई है। राजधानी जयपुर जैसे बड़े शहरों में शराब की दुकानों पर ग्राहकों की मांग की तुलना में बीयर की सप्लाई नहीं हो रही। इसके लिए राजस्थान स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसबीसीएल) को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
बीयर का स्टॉक खत्म कम होने से बिक्री घट गई
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार राजस्थान शराब कल्याण समिति के अध्यक्ष के निलेश मेवाड़ा कहते हैं कि राजस्थान स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से प्रति दुकानदार प्रति दिन 10-12 केस बीयर उपलब्ध करवा रही है जबकि मांग 40-45 की है। कई दुकानों पर बीयर का स्टॉक खत्म कम होने से उनकी रोजाना की बिक्री भी घट गई है। बिना कोई दूसरी शराब खरीदे वापस लौटना पड़ रहा
शराब की दुकान के एक मालिक कहते हैं कि बीयर की कम आपूर्ति के कारण उनके ग्राहकों को बिना कोई दूसरी शराब खरीदे वापस लौटना पड़ रहा है। यह शराब ठेकेदारों के लिए दोहरी मार है। राजस्थान की शराब नीति के अनुसार शराब की प्रत्येक दुकानद पर प्रति माह एक निश्चित मात्रा में स्टॉक बेचना होता है। यदि विक्रेता गारंटीकृत मात्रा को बेचने में विफल रहता है तो जुर्माना लगाया जाता है। बीयर के लगभग 3.12 करोड़ थोक लीटर की दरकार
एक अन्य दुकानदार कहते हैं कि इस समय ग्राहक बीयर के अलावा अन्य शराब नहीं खरीद रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी कुल बिक्री घट प्रभावित हो रही है। जबकि यह बीयर की मांग का पिक सीजन है। इस वक्त पूरे प्रदेश में बीयर के लगभग 3.12 करोड़ प्रदूषण के कारण फैक्ट्री पर प्रतिबंध
राजस्थान को आपूर्ति करने वाले अधिकांश ब्रुअरीज एनसीआर क्षेत्र में हैं। पिछले साल प्रदूषण के कारण उत्पादकों पर अतिरिक्त घंटों के लिए फैक्ट्री को संचालित करने पर प्रतिबंध था। इससे बीयर उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। आपूर्ति में कोई जानबूझकर देरी नहीं की गई
आरएसबीसीएल के एक अधिकारी ने कहा कि हमारी ओर से आपूर्ति में कोई जानबूझकर देरी नहीं की गई है। भीषण गर्मी के कारण बीयर की मांग में वृद्धि हुई है। पिछले दो वर्षों से कोविड के कारण मांग ज्यादा नहीं थी। अब आपूर्ति मांग के अनुपात में नहीं है और निर्माताओं के लिए रातोंरात उत्पादन बढ़ाना मुश्किल है। कमी पूरे देश में है। थोक लीटर की दरकार है। लेकिन शराब उत्पादन करने वाली कंपनियां मांग की पूर्ति नहीं कर पा रही। 40-45 लाख केस बीयर की तुलना 20 लाख केस ही बेची जा रही है।
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